देश का वस्तुओं का निर्यात नवंबर में 26.49 प्रतिशत बढ़कर 29.88 अरब डॉलर रहा। इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, रसायन और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्र में अच्छी वृद्धि से निर्यात बढ़ा है। पिछले साल नवंबर में निर्यात 23.62 अरब डॉलर था। सरकार की ओर से बुधवार को जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में आयात 53.15 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी माह के 33.81 अरब डॉलर के मुकाबले 57.18 प्रतिशत अधिक है। इससे व्यापार घाटा 23.27 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत का वस्तुओं का निर्यात अप्रैल-नवंबर, 2021 में 262.46 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल अप्रैल-नवंबर के दौरान 174.15 अरब डॉलर के मुकाबले 50.71 प्रतिशत अधिक है। वहीं अप्रैल-नवंबर, 2019 के 211.17 अरब डॉलर के मुकाबले 24.29 प्रतिशत अधिक है।’’ आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आयात 75.39 प्रतिशत बढ़कर 384.44 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में व्यापार घाटा 121.98 अरब डॉलर रहा। आंकड़े के अनुसार, नवंबर में व्यापार घाटा दोगुना से अधिक होकर 23.27 अरब डॉलर रहा। इसका कारण सोने का आयात करीब 8 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर होना है। पिछले साल नवंबर में व्यापार घाटा (निर्यात और आयात का अंतर) 10.19 अरब डॉलर था।
आलोच्य महीने में कुल निर्यात में 28.19 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात सालाना आधार पर 37 प्रतिशत उछलकर आठ अरब डॉलर रहा। पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात सालाना आधार पर 145.3 प्रतिशत बढ़कर 3.82 अरब डॉलर रहा। हालांकि, रत्न एवं आभूषण का निर्यात नवंबर महीने में 11 प्रतिशत घटकर 2.4 अरब डॉलर रहा। आंकड़ों के अनुसार, आयात के मामले में ‘पेट्रोलियम, कच्चा तेल और उत्पादों’ का आयात आलोच्य महीने में 132.44 प्रतिशत बढ़कर 14.68 अरब डॉलर रहा। कोयला, कोक और ब्रिकेट (ईंधन के रूप में उपयोग होने वाला कोयले के चूरे से बना उत्पाद) का आयात इस साल नवंबर महीने में 135.81 प्रतिशत बढ़कर 3.58 अरब डॉलर रहा। अद्यतन व्यापार आंकड़ा इस महीने बाद में जारी किया जाएगा।
भारत के विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती
बाजार की स्थिति में सुधार के कारण भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में नवंबर में और मजबूती आई। फरवरी के बाद से उत्पादन और बिक्री में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी दी गई। आईएचएस मार्केट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में 55.9 से बढ़कर नवंबर में 57.6 हो गया, जो इस क्षेत्र की स्थिति में 10 महीनों में सबसे मजबूत सुधार का संकेत है। नवंबर के आंकड़ों ने लगातार तीन महीनों की खराब स्थिति के बाद भर्ती की गतिविधि में सुधार के संभावित संकेतों की ओर इशारा किया। अक्टूबर महीने के पीएमआई आंकड़े ने लगातार पांचवें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा किया था।
Latest Business News