रुपया टूटने के बाद भी निर्यातकों के हाथ खाली, अक्टूबर में 17% घटा एक्सपोर्ट
रुपये का गिरना निर्यातकों के लिए सुनहरा अवसर माना जाता है। लेकिन मंदी और महंगाई के इस दौर में निर्यातक इस स्वर्णिम मौके को भी नहीं भुना सके और आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है।
आम तौर पर कहा जाता है कि रुपये में गिरावट का सीधा फायदा निर्यातकों को मिलता है। लेकिन बीते कुछ महीनों में रुपये के 83 का स्तर छू लेने के बाद भी निर्यातकों के हाथ खाली है। अक्टूबर के निर्यात आंकड़ों से यह तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। देश से वस्तुओं के निर्यात में लगभग दो साल बाद गिरावट दर्ज हुई है। अक्टूबर में निर्यात सालाना आधार पर 16.65 प्रतिशत घटकर 29.78 अरब डॉलर रह गया। वहीं व्यापार घाटा भी बढ़कर 26.91 अरब डॉलर हो गया है।
मंदी का दिखने लगा असर
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से वैश्विक मांग में गिरावट के कारण इसमें कमी आई है। रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पाद, सभी तरह के कपड़ों से तैयार वस्त्र, रसायन, दवा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा समेत प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में अक्टूबर के दौरान गिरावट दर्ज की गई।
आयात में आया उछाल
अक्टूबर में आयात छह प्रतिशत बढ़कर 56.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान महीने में 53.64 अरब डॉलर था। कच्चे तेल और कपास, उर्वरक और मशीनरी जैसे कुछ कच्चे माल की अधिक मांग से आयात बढ़ा है। वहीं, अप्रैल-अक्टूबर-2022 की अवधि के दौरान निर्यात 12.55 प्रतिशत बढ़कर 263.35 अरब डॉलर हो गया। आयात भी 33.12 प्रतिशत बढ़कर 436.81 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
व्यापार घाटा भी बढ़ा
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर, 2022 में व्यापार घाटा 173.46 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। अप्रैल-अक्टूबर, 2021 में यह 94.16 अरब डॉलर था। मंत्रालय ने बताया कि अक्टूबर, 2021 में व्यापार घाटा 17.91 अरब डॉलर था। इससे पहले नवंबर, 2020 में निर्यात में 8.74 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
घरेलू मांग बढ़ने से बढ़ रहा आयात
विशेषज्ञों के अनुसार, आर्थिक वृद्धि के साथ घरेलू मांग में वृद्धि के कारण आयात बढ़ रहा है। विशेष रूप से कच्चे माल, पूंजीगत वस्तुओं और मध्यवर्ती उत्पादों के कारण आयात बढ़ रहा है। अब महीने में केवल एक बार व्यापार आंकड़े जारी करने के कारण के बारे में पूछे जाने पर बर्थवाल ने कहा कि महीने के पहले सप्ताह और फिर उस महीने के मध्य तक जारी आंकड़ों में कुछ उतार-चढ़ाव था।
किन किन सेक्टर्स में गिरा निर्यात
- रत्न और आभूषण (21.56 प्रतिशत)
- इंजीनियरिंग (21.26 प्रतिशत)
- पेट्रोलियम उत्पाद (11.28 प्रतिशत)
- कपड़ों से तैयार वस्त्र (21.16 प्रतिशत)
- रसायन (16.44 प्रतिशत)
- फार्मा (9.24 प्रतिशत)
- समुद्री उत्पाद (10.83 प्रतिशत)
- चमड़ा (5.84 प्रतिशत)
कच्चे तेल का बढ़ा आयात
कच्चे तेल का आयात 29.1 प्रतिशत बढ़कर 15.8 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, महीने के दौरान सोने का आयात 27.47 प्रतिशत घटकर 3.7 अरब डॉलर रह गया। निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि माल की कीमतों में वृद्धि, बढ़ती महंगाई, मंदी में प्रवेश करने वाली अर्थव्यवस्था, मुद्राओं में उच्च अस्थिरता और भू-राजनीतिक संकट के कारण मांग में कमी के बीच वस्तुओं के निर्यात में मंदी आई है।