Explainer: भारत और कनाडा के बीच रार से क्या बिगड़ेंगे कारोबारी रिश्ते? दोनों देशों में किस पर होगा ज्यादा असर, जानें सबकुछ
जानकारों का कहना है कि भारत से बड़ी संख्या में रोजगार के लिए लोग कनाडा का रुख करते हैं। इनमें पंजाबियों की संख्या काफी अधिक है। 2018 से, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे अधिक भारत से पढ़ने जाने वाले बच्चे हैं। कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन का कहना है कि 2022 में, उनकी संख्या 47% बढ़कर लगभग 320,000 हो गई।
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान आतंकवादी हरजीत सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जी20 के बाद भारत के साथ ट्रेड मिशन को रोकने का ऐलान कर इस लड़ाई में धी डालने का काम किया है। कनाडाई पीएम यही नहीं रुके और भारत के राजनयिक को निष्कासित कर दिया। भारत में जवाबी करावाई करते हुए कनाडा के सीनियर डिप्लोमैट को निकाल दिया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने कारोबारी जगत की नींद उड़ा दी है। दरअसल दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का करोबार होता है। अगर राजनयिक रिश्ते खराब होते हैं तो इसका असर कारोबारी रिश्ते पर पड़ना तय है। आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि अगर तनाव और बढ़ा तो कारोबार जगत पर क्या असर होगा?
भारत और कनाडा के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा
आपको बता दें कि भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसके चलते 2022-23 में 8.16 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। कनाडा को भारत जिन सामानों का निर्यात करता है, उनमें फार्मास्यूटिकल्स, हीरे-जवाहरात, बहूमूल्य रत्न , दवाईयां, रेडीमेड कपड़े, अनस्टिच कपड़े, ऑर्गनिक रसायन, हल्का इंजीनियरिंग समान, लोहा और मशीनरी शामिल हैं। भारत कनाडा को करबी 4.1 बिलियन डॉलर के सामान का निर्यात करता है। वहीं, कनडा से भारत दालें, लकड़ी, लुगदी और कागज और खनन उत्पाद का आयात करता है। यह करीब 4.06 बिलियन डॉलर का है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में, कनाडा को भारत का निर्यात लगभग 911 मिलियन डॉलर का था, जबकि कनाडा से आयात 990 मिलियन डॉलर का था।
नौकरी ढूंढने वालों पर फौरी असर संभव
जानकारों का कहना है कि भारत से बड़ी संख्या में रोजगार के लिए लोग कनाडा का रुख करते हैं। इनमें पंजाबियों की संख्या काफी अधिक है। आपको बता दें कि कनाडा की कुल आबादी तकरीबन 3 करोड़ 82 लाख है। इनमें 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं। पंजाब के लोग कनाडा में बड़ी संख्या में नौकरी और कारोबार करते हैं। पंजाबी लोगों का एग्रीकल्चर और डेयरी फार्मिंग बिजनेस पर कब्जा है। इसके अलावा यूपी, नई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और दक्षिण भारत के बड़ी संख्या में कनाडा में हैं। अगर दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता है तो फौरी तौर पर इन पर असर पड़ने की आशंका है।
भारत में 17वां बड़ा निवेशक है कनाडा
कनाडा के इन्वेस्ट इंडिया पेज के अनुसार, अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक कनाडा ने भारत में लगभग 3,306 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। कनाडा भारत में 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। कनाडाई निवेश कुल एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह का लगभग 0.5 प्रतिशत है। वहीं, दूसरी ओर दूसरी ओर, भारत 2022 में कनाडा का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। कनाडा से भारत में कुल एफडीआई निवेश में सेवाओं और बुनियादी ढांचे का योगदान 40.63 प्रतिशत था। आपको बता दें कि 600 से अधिक कनाडाई कंपनियां भारत में अपना बिजनेस करती है।
कई बड़ी कंपनियों में कनाडा पेंशन फंड का निवेश
कैनेडियन पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) ने भारत में कई निवेश किए हैं। हालिया फाइलिंग से पता चलता है कि ये निवेश कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। कनाडा पेंशन फंड ने कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो, पेटीएम, नायका, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक जैसी कंपनियों में निवेश किए हुए है।
कनाडा में भारतीय छात्रों की भमिका?
2018 से, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे अधिक भारत से पढ़ने जाने वाले बच्चे हैं। कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन का कहना है कि 2022 में, उनकी संख्या 47% बढ़कर लगभग 320,000 हो गई, जो कुल विदेशी छात्रों का लगभग 40% है, जो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को घरेलू छात्रों को रियायती शिक्षा प्रदान करने में भी मदद करता है।
विशेषज्ञों की राय
पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत और कनाडा के बीच ताजा तनाव से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कनाडा के पेंशन फंड भारत के बड़े बाजार और निवेश किए गए पैसे पर अच्छे रिटर्न के आधार पर भारत में निवेश जारी रखेंगे।