Explained: America और China जैसे देश India के साथ करना चाहते हैं कारोबार, विश्वगुरु बनने से कुछ कदम दूर खड़ा देश?
Independent Day Special: 15 अगस्त 1947 को जब हिंदुस्तान आजाद हुआ तो दुनिया को जीरो देने वाला भारत ज़ीरो पर ही खड़ा था, लेकिन आज 75 वर्षों के बाद जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है तब वह दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की श्रेणी में खड़ा है।
Highlights
- खाद्य मामले में भारत की बढ़ी आत्मनिर्भरता
- कभी भारत को गेहूं रोकने की धमकी देने वाला अमेरिका आज लगाता है गुहार
- दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है भारत
Independent Day Special: 15 अगस्त 1947 को जब हिंदुस्तान आजाद हुआ तो दुनिया को जीरो देने वाला भारत ज़ीरो पर ही खड़ा था। भारत (India) की गिनती उस वक्त के सबसे पिछड़े देशों में होती थी। उस वक्त देश रक्षा से लेकर खाद्य सामग्री तक दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन आज 75 वर्षों के बाद जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है तब वह दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की श्रेणी में खड़ा है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार (Market) है। रक्षा क्षेत्र में भी भारत आज दुनिया के शीर्ष देशों की कतार में खड़ा है। आज आप किसी भी क्षेत्र में देखें तो भारत ताकतवर नजर आता है। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) से जूझ रही थी, उस वक्त भारत अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन (Vaccination) तो कर ही रहा था इसके साथ-साथ दुनिया के गरीब देशों को भी वैक्सीन बांट रहा था। मेडिकल साइंस के साथ-साथ भारत आज स्पेस टेक्नोलॉजी में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। चाहे बात चंद्रयान (Chandrayaan) की हो या फिर मंगलयान (Mangalyaan) कि भारत इस क्षेत्र में भी सबसे बेहतर कर रहा है।
खाद्य मामले में भारत की बढ़ी आत्मनिर्भरता
आजादी के कई साल बाद तक भारत सूखे की मार और खाद्य पदार्थों की कमी से जूझता रहा। आंकड़ो पर नजर डालें तो 1950 में भारत का कुल खाद्य उत्पादन 5.49 करोड़ था, जो 2020-21 में बढ़कर 30.5 करोड़ टन हो गया है। पिछले कई सालों से भारत में गेहूं, चीन सहित अन्य खाद्य पदार्थ रिकॉर्ड स्तर पर उत्पादित हो रहे हैं।
कभी भारत को गेहूं रोकने की धमकी देने वाला अमेरिका आज लगाता है गुहार
कुछ दिन पहले जब भारत ने गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी तो अमेरिका नाराज हो गया था। भारत से गुहार लगाने लगा था कि वह अपने नीति में बदलाव करते हुए गेहूं की निर्यात करने की मंजूरी दे। जब भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध हुआ तब पाकिस्तान को ये लगा कि भारत कमजोर है और उसने भारत पर हमला बोल दिया, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया था। उस समय पाकिस्तान को घुटने टेकनें पर मजबूर होना पड़ा था। 1965 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था तब अमेरिका ने भारत को धमकी दी थी कि अगर भारत युद्ध नहीं रोकता है तो वह गेंहू की आपूर्ति पर रोक लगा देगा।
उस समय देश के प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री थे। उन्होनें दशहरे के दिन रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित किया और 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया। साथ में देशवासियों से अपील की थी कि वह हफ्ते में एक वक्त का खाना छोड़ दें। उसके बाद हिंदुस्तानियों ने एक हफ्ते में एक समय का खाना छोड़ दिया था।
भारत बना दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
GDP (Gross domestic product) यानी सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार भारत दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जब आजाद हुआ तब देश की जीडीपी सिर्फ 2.7 लाख करोड़ थी, जो उस समय के दुनिया भर की जीडीपी का 3% से भी कम था। इस समय भारत की जीडीपी 150 लाख करोड़ रुपये के पार है। इसमें 55% की बढ़ोतरी हुई है। अगर हम इसका दुनिया भर के जीडीपी में हिस्सा देखें तो 2024 तक यह 10 फीसदी से अधिक हो जाएगा। अब तक के इतिहास में तीन बार ऐसे समय देखने को मिले हैं जब भारत की जीडीपी शून्य पर पहुंच गई है। सबसे पहला 1965 फिर 1979 और आखिरी 2020 जब कोरोना महामारी के चलते दुनिया घरों में कैद थी।
पीपीपी के आधार पर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पीपीपी के हिसाब से वैश्विक जीडीपी (Global GDP) में भारत की हिस्सेदारी 2021 में 10.22 फीसदी पहुंच गई। दूसरे शब्दों में समझें तो दुनिया की कुल जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 10,510 अरब डॉलर रही। वहीं, चीन की हिस्सेदारी 27.31 फीसदी और अमेरिका का योगदान 23 फीसदी है। वहीं भारत का विकास दर 6-7 % के आस-पास बना हुआ है।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है भारत
भारत एक विकासशील देश है, यानि अभी यहां कई चीजों का विकास होना बाकी है। काम चल रहा है। जिसकी आबादी 135 अरब से अधिक है। यानि 135 अरब पेट, जिसे खाने, पीने पहनने और घूमने के लिए प्रोडक्ट से लेकर सर्विस की जरूरत होगी। यहां दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है और अब दुनिया का दूसरा बड़ा मार्केट। इंटरनेट के क्षेत्र में भी भारत अमेरिका से बड़ा बाजार बन गया है। कोई भी देश भारत से दूश्मनी मोल नहीं लेना चाहता है क्योंकि उससे उस देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ेगा।
दुनिया की हर 5वीं दवा बनाता है भारत
भारत दुनिया के 150 से अधिक देशों को भारत में बने दवा की सप्लाई करता है। कई देश भारत पर दवाओं को लेकर निर्भर हैं। भारत का फार्मा बाजार 47 अरब डॉलर का है, जिसमें से 22 अरब डॉलर का बिजनेस घरेलू मार्केट में है। भारत दुनिया को सस्ती दवा देता है। विश्व की 20 फीसदी जेनरिक दवा का उत्पादन भारत ही करता है। साथ ही दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहे 60 फीसदी वैक्सीन का सप्लायर भी भारत ही है। भारत चुंकि सस्ता दवा देता है इसलिए दुनिया के हर देश भारत से ही दवा खरीदना चाहते हैं। देश में 3500 से अधिक फार्मा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है, जो रिकॉर्ड दवा का उत्पादन करते हैं। कहा जाता है कि अमेरिका के नागरिक अगर चार दवा खाते हैं तो उसमें से एक भारत में बनी हुई होती है। वहीं अगर विश्व स्तर पर बात करें तो दुनिया का हर पांचवा दवा भारत में बनाया जाता है।