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Hindi News पैसा बिज़नेस देश में बिकने वाले हर चौथा प्रोडक्ट नकली, खाने से लेकर पहनने तक फैला है इसका कोराबार

देश में बिकने वाले हर चौथा प्रोडक्ट नकली, खाने से लेकर पहनने तक फैला है इसका कोराबार

इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि 27 प्रतिशत खरीदारों को यह पता ही नहीं होता है कि वे नकली उत्पाद खरीद रहे हैं। वहीं 31 प्रतिशत लोग जानबूझकर नकली उत्पादों को खरीदते हैं। ऐसे में ये जान लेते हैं कि किस सेक्टर में कितने जाली प्रोडक्ट का खेल होता है।

Every fourth product fake- India TV Paisa Image Source : INDIA TV देश में बिकने वाले हर चौथे प्रोडक्ट नकली

हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है कि वह ओरिजनल प्रोडक्ट खरीदे। उसके लिए वह कई बार थोड़े पैसे भी अधिक देने से पीछे नहीं हटता है, लेकिन इसके बावजूद भी उसे ठगी का शिकार हो जाना पड़ता है। क्या कभी आपने ये सोचा है कि आप जो प्रोडक्ट खरीदते हैं वह ओरिजनल है या जाली? क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बिकने वाले हर चौथा प्रोडक्ट नकली है। वह खाने से लेकर पहनने तक कुछ भी हो सकता है। ऐसे में अगर आप किसी चीज को खरीदने के लिए बाजार जाते हैं तो उसकी क्वालिटी के बारे में बेहद ध्यान से चेक करें वरना आप नकुसान में पड़ सकते हैं। आज के समय में ऑनलाइन ठगी काफी तेजी से हो रही है। इसीलिए हमेशा भरोसेमंद ई-कॉमर्स वेबसाइट से ही खरीदारी करें।

देश में बिकने वाले करीब 25-30 प्रतिशत उत्पाद जाली

देश में बिकने वाले करीब 25-30 प्रतिशत उत्पाद जाली हैं और यह चलन कपड़ों एवं एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले) क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नजर आता है। इसके अलावा दवा, वाहन एवं टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्रों में भी नकली उत्पादों की भरमार देखी जाती है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। उसके मुताबिक, परिधान क्षेत्र में करीब 31 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए जाते हैं जबकि रोजमर्रा के उत्पादों के मामले में यह अनुपात 28 प्रतिशत का है। वहीं वाहन क्षेत्र के 25 प्रतिशत उत्पाद नकली होते हैं। क्रिसिल और ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स एसोसिएशन की तरफ से जारी इस संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, दवा एवं औषधि क्षेत्र के 20 प्रतिशत उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के 17 प्रतिशत उत्पाद और कृषि-रसायन क्षेत्र के 16 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए गए हैं। 

27 प्रतिशत खरीदारों को नहीं होती है इसकी जानकारी

इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि 27 प्रतिशत खरीदारों को यह पता ही नहीं होता है कि वे नकली उत्पाद खरीद रहे हैं। वहीं 31 प्रतिशत लोग जानबूझकर नकली उत्पादों को खरीदते हैं। इस रिपोर्ट को दिल्ली, आगरा, जालंधर, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोलकाता, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु एवं हैदराबाद शहरों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के वरिष्ठ निदेशक सुरेश कृष्णमूर्ति ने रिपोर्ट के निष्कर्षों पर कहा कि नकली उत्पाद सिर्फ लग्जरी उत्पादों तक ही सीमित नहीं हैं। सामान्य उत्पादों की भी तेजी से नकल हो रही है।

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