देश में सोने की कीमत 60 हजार के पार पहुंच गई है। हालांकि, इसका फायदा गोल्ड लोन लेने वालों को नहीं हो रहा है। उल्टे नुकसान ही उठाना पड़ रहा है। आप सोच रहेंगे कि जब सोने की कीमत रिकाॅर्ड हाई पर तो गोल्ड लोन लेने वालों को फायदा होगा कि उनके सोने के मूल्य के आधार पर अधिक लोन मिलेगा लेकिन ऐसा हो क्यों नहीं रहा है। ऐसा इसलिए नहीं हो रहा है कि सोने की कीमत में बड़ी तेजी आने के बाद एनबीएफसी और बैंकों ने लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV) को कम कर दिया है। इसके चलते कीमत बढ़ने के बावजूद भी लोन लेने वालों को कम लोन मिल रहा है।
क्या होता है लोन टू वैल्यू रेश्यो
आपको बता दें कि लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV) उस अनुपात को कहते हैं, जिसके आधार पर लोन दी जाती है। इसमें सोने के मूल्य के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। गोल्ड लोन में इसी रेश्यो के आधार पर बैंक और एनबीएफसी किसी व्यक्ति को लोन देते हैं। कोरोना महामारी के बाद भारतीय रिवर्ज बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन का एलटीवी रेश्यो 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई ने यह कदम आम लोगों को राहत देने के लिए उठाया था। इस बढ़ोतरी के बाद लोगों को सोने के मूल्य का 90 फीसदी राशि लोन के तौर मिलनी शुरू हो हुई थी।
अब एलटीवी रेश्यों क्यों घटा
जानकारों का कहना है कि सोने की कीमत रिकाॅर्ड हाई पर पहुंच गई है। इसके चलते बहुत सारे लोग गोल्ड लोन लेने रहें हैं। पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन सस्ता और आसानी से मिल जाता है। गांव और छोटे शहर के लोग गोल्ड लोन लेना प्रसंद करते हैं। अब जब सोने की कीमत रिकाॅर्ड हाई पर है तो बैंकों को डर है कि इसमें आने वाले समय में कमी आ सकती है। वहीं, अगर एलटीवी 90 फीसदी के आधार पर लोन दिया जाएगा तो कर्ज डूबने के खतरा बना रहेगा। इसके चलते एलटीवी रेश्यो को घटाया गया है। इसके चलते अपने सोने पर अधिक लोन लेने की चाहत रखने वालों को मायूस होना पड़ रहा है।
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