EV Policy: दिल्ली में ऑटो चालकों के बीच लोकप्रिय दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की एक स्कीम का खुद ऑटो वालों ने ही पलीता लगा दिया है। दिल्ली सरकार ने बड़े जोरशोर से 4,000 से अधिक ई-ऑटो की खरीद की योजना तैयार की थी। लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी से अब तक केवल 279 इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा का ही पंजीकरण हुआ है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के 'वाहन' पोर्टल पर दिये गये आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कुल 4,261 ई-ऑटो के आवंटन के लिए 14 फरवरी को कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ आयोजित किया गया था जिसके लिए 31 जुलाई तक पंजीकरण किया जा सकता है। वाहन पोर्टल के अनुसार, दिल्ली में अब तक 279 ई-ऑटो बेचे जा चुके हैं जिनमें 215 पियाजियो और 64 महिंद्रा रेवा इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।
ऑटो चालकों ने बताए ये कारण
ऑटो-रिक्शा यूनियन ने इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के लिए ऊंची ब्याज दरों और ई-ऑटो के बारे में फैली गलत धारणाओं को इस कमजोर प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं सरकारी अधिकारियों ने इसके लिए ‘आपूर्ति की दिक्कत’ का हवाला दिया है। ऑटो-रिक्शा संघ चालक शक्ति के अध्यक्ष राकेश अग्रवाल ने सुस्त पंजीकरण के लिए ऊंची ब्याज दर को जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है सरकार का कहना
दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों में चिप की कुछ समस्या के कारण आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ा है। लेकिन इस मुद्दे को जुलाई के मध्य तक हल कर लिए जाने की संभावना है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ई-ऑटो के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने पर व्यावहारिक रूप से विचार करेगी।
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