EV Industry: भारी उद्योग मंत्रालय ने देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से चार्ज करने वाले 7,432 चार्जिंग स्टेशन लगाने को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के लिये 800 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उसे अपनाने में तेजी लाने की योजना (फेम) के दूसरे चरण के तहत यह राशि दी गयी है। मंत्रालय ने पहली किस्त के तहत 560 करोड़ रुपये यानी कुल राशि का 70 प्रतिशत तीन कंपनियों इंडियन ऑयल (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को जारी किया है। इस राशि के जरिये ये कंपनियां अपने-अपने पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये चार्जिंग स्टेशन लगाएंगी।
काम मार्च 2024 तक पूरी होने की उम्मीद
आधिकारिक बयान के अनुसार, चार्जिंग केंद्र लगाये जाने का काम मार्च 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। फिलहाल, देशभर में 6,586 चार्जिंग स्टेशन हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘नये 7,432 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन से इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग परिवेश को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा मिलेगा।’’ इसमें कहा गया है कि चार्जिंग स्टेशन का उपयोग दोपहिया, चौपहिया, हल्के वाणिज्यिक वाहन और मिनी बसों को चार्ज करने में किया जा सकेगा। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि इस कदम से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे ज्यादा-से-ज्यादा लोग परिवहन के स्वच्छ साधनों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित होंगे।
जानें इलेक्ट्रिक कार और स्कूटर की बैटरी पर कितना आता है खर्च
इलेक्ट्रिक कार और स्कूटर की बैटरी खराब हो जाने के बाद इसे खरीदने पर लगभग गाड़ी की कीमत का 30% तक पैसे खर्च हो सकते हैं। लोकल मार्केट में इसकी कीमत कम होती है, लेकिन वारंटी और रेंज की गारंटी लेना काफी मुश्किल है। किसी और इलेक्ट्रिक कार और स्कूटर की बैटरी इस्तेमाल करने पर गाड़ी में आग लगने की संभावना है। इसे केवल ऑथराइज सर्विस सेंटर या फिर जिस कंपनी की गाड़ी है उसी से खरीदें।
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