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Hindi News पैसा बिज़नेस Europe Gas Crisis भीषण गर्मी के बीच यूरोप में मचेगी त्राहि-त्राहि, रुसी कंपनी गैजप्रोम ने 80 प्रतिशत घटाई सप्लाई

Europe Gas Crisis भीषण गर्मी के बीच यूरोप में मचेगी त्राहि-त्राहि, रुसी कंपनी गैजप्रोम ने 80 प्रतिशत घटाई सप्लाई

Europe Gas Crisis: यूरोप तक जाने वाली नोर्ड स्ट्रीम1 पाइपलाइन के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घटाकर कुल क्षमता का 20 प्रतिशत कर दिया गया है।

Russian Gas- India TV Paisa Image Source : FILE Russian Gas

Europe Gas Crisis : यूरोप इस समय भीषण गर्मी से झुलस रहा है, जिसके चलते यहां एनर्जी की डिमांड अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसी बीच रूस से गैस की सप्लाई रुकने से यूरोप पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर यूरोप में गैस की किल्लत बढ़ रही है वहीं गैस की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। 

रुसी ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम ने आज जानकारी दी कि यूरोप को भेजी जाने वाली गैस की मात्रा में कटौती की जा रही है। इसके तहत यूरोप तक जाने वाली नोर्ड स्ट्रीम1 पाइपलाइन के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति घटाकर कुल क्षमता का 20 प्रतिशत कर दिया गया है। 

रूस ने बताया ये कारण 

रूस ने मात्रा में कटौती के लिए तकनीकी खामियों को जिम्मेदार ठहराया है जबकि जर्मनी ने इस घटना को यूक्रेन में युद्ध के बीच अनिश्चितता पैदा करने और कीमतों को बढ़ाने के लिए एक राजनीतिक कदम बताया है। रूस की सार्वजानिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम ने सोमवार को कहा कि वह उपकरण मरम्मत के कारण नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के जरिए गैस के प्रवाह को कम करेगी। यह पाइपलाइन जर्मनी तक जाती है। 

जर्मनी की बढ़ी मुश्किलें

जर्मनी ने चिंता जताई है कि रूस पूरी तरह से गैस को काट सकता है। इस गैस का उपयोग बिजली उद्योग के साथ बिजली पैदा करने और घरों को गर्म रखने के लिए किया जाता है। वहीं, रूस का कहना है कि एक कंप्रेसर स्टेशन के लिए टर्बाइन के रखरखाव की आवश्यकता होती है। इसलिए नोर्ड स्ट्रीम1 के जरिये गैस की मात्रा के प्रवाह को घटाया गया है।

ब्‍लैकमेल कर रहा रूस

चेकोस्‍लावाकिया के उद्योग और व्‍यापार मंत्री जोजेफ सिकेला का कहना है कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्‍य देशों को रूस की तरफ से आने वाली गैस की खपत को कम करने के लिए राजी होना होगा। उन्‍होंने कहा कि रूस के राष्‍ट्रपति अपना गंदा खेल खेल रहे हैं जिससे यूरोप को गैस के नाम पर ब्‍लैकमेल किया जा सके। आपको बता दें कि यूरोप को अपने घरों और दफ्तरों को गर्म रखने के लिए रूस की गैस की जरूरत होती है। 

भारत में भी गैस की कीमतें देंगी झटका?

महंगाई की मार झेल रही आम जनता को अब जल्द ही गैस की कीमतें झटका दे सकती है। देश की सबसे बड़ी निजी पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को देश में प्राकृतिक गैस की कीमतें अक्टूबर में फिर बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी कीमतों पर लगाई गई अधिकतम सीमा (सीलिंग) को हटाने के पक्ष में भी है। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (खोज एवं उत्पादन) संजय रॉय ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद एक निवेशक चर्चा में कहा कि केजी-डी6 बेसिन से उत्पादित गैस की मूल्य सीमा 9.92 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) के मौजूद स्तर से अधिक हो जाएगी। 

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