दुनिया की प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों की मनमानी पर अब लगाम लगनी शुरू हो गई है। गूगल पर पहले ही जहां भारत और यूरोपियन यूनियन की सरकारें भारी जुर्माना थोप चुकी हैं, वहीं अब माइक्रोसॉफ्ट पर भी प्रतिस्पर्धा में बाधा डालते हुए मोनोपॉली के आरोप लगे हैं। यूरोपीय संघ (EU) ने दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft के खिलाफ प्रतिस्पर्द्धा-रोधी जांच शुरू की है। यह मामला माइक्रोसॉफ्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ‘टीम्स’ को उत्पादकता सॉफ्टवेयर ‘एमएस ऑफिस’ के साथ संबद्ध करने से उसे मिलने वाली अनुचित बढ़त से संबधित है।
टीम्स ऐप से जुड़ा है ये मामला
ईयू के शासकीय निकाय यूरोपीय आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह माइक्रोसॉफ्ट के टीम्स ऐप को ऑफिस सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ने से अमेरिकी कंपनी को अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बढ़त मिलने के आरोप की सघन जांच करेगा। उसने कहा कि इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाएगा। यह जांच लोकप्रिय कार्यस्थल संदेश सॉफ्टवेयर बनाने वाली स्लैक टेक्नोलॉजीज की ओर से 2020 में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ की गई शिकायत पर की जा रही है।
मनमानी का लगा आरोप
सेल्सफोर्स के स्वामित्व वाली स्लैक का आरोप है कि माइक्रोसॉफ्ट प्रतिस्पर्द्धा को खत्म करने के लिए अपने टीम्स ऐप को अपने कार्यालय उत्पादकता सॉफ्टवेयर ऑफिस के साथ गैरकानूनी तरीके से जोड़ रही है। उसने इसे यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्द्धा नियमों का उल्लंघन बताया है।
कोविड-19 के दौरान हिट हुआ था ये ऐप
माइक्रोसॉफ्ट का ऑफिस सॉफ्टवेयर कार्यालयों में होने वाले रोजमर्रा के कामकाज का ब्योरा दर्ज करने में व्यापक तौर पर इस्तेमाल होता रहा है। इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप टीम्स भी पिछले कुछ वर्षों में खासा लोकप्रिय हुआ है। खासतौर पर कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई और बैठकों के लिए टीम्स ऐप का खूब इस्तेमाल हुआ।
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