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Hindi News पैसा बिज़नेस एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 81 साल की उम्र में निधन, ऐसे शुरू किया था कारोबार

एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 81 साल की उम्र में निधन, ऐसे शुरू किया था कारोबार

81 वर्षीय उद्योगपति शशि रुइया ने अपने भाई रविकांत रुइया (उर्फ रवि रुइया) के साथ मिलकर साल 1969 में मेटल से लेकर टेक्नोलॉजी तक के कारोबार से जुड़ी कंपनी एस्सार ग्रुप की स्थापना की थी।

शशिकांत रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में साल 1965 में अपने करियर की शुरुआत की थी- India TV Paisa Image Source : INDIA TV शशिकांत रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में साल 1965 में अपने करियर की शुरुआत की थी।

एस्सार समूह के सह-संस्थापक शशि रुइया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रुइया का 25 नवंबर को रात 11 बजकर 55 मिनट पर मुंबई में निधन हो गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम 4 बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

अपने पीछे छोड़ गए परिवार

शशि रुइया के परिवार में उनकी पत्नी मंजू और दो बेटे प्रशांत तथा अंशुमान हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुइया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह उद्योग जगत के महान शख्स थे। दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने भारत के कारोबारी परिदृश्य को बदल दिया। उनका निधन काफी दुखद है। उन्होंने इनोवेशन और डेवलपमेंट के लिए हाई स्टैंडर्ड स्थापित किए। उनके पास हमेशा कई विचार होते थे। हमेशा इस बात पर चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं।

भाई संग मिलकर शशिकांत रुइया ने रखी थी कंपनी की नींव

80 वर्षीय उद्योगपति शशि रुइया ने अपने भाई रविकांत रुइया (उर्फ रवि रुइया) के साथ मिलकर साल 1969 में मेटल से लेकर टेक्नोलॉजी तक के कारोबार से जुड़ी कंपनी एस्सार ग्रुप की स्थापना की थी। शशिकांत रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में साल 1965 में अपने करियर की शुरुआत की और 1969 में चेन्नई पोर्ट पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण करके एस्सार की नींव रखी। एस्सार ग्रुप आज स्टील, ऑयल रिफाइनिंग, इन्वेस्टिगेशन और प्रोडक्शन, टेलीकॉम, बिजली और निर्माण सहित कई सेक्टर में कारोबार कर रहा है।

फोर्ब्स के मुताबिक, दोनों भाई 13 को अपना भाग्यशाली अंक मानते रहे। भारत को विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने वाली संपत्तियों का निर्माण करके, रुइया ने स्थानीय प्रतिभाओं को ऐसे कौशल विकसित करने में मदद की, जो पहले केवल विदेशों में ही उपलब्ध माने जाते थे।

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