कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरफ से सात सालों से ज्यादा समय में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में कुल निवेश बढ़कर 2.5 खरब रुपये से ज्यादा हो गया है। इस बात की जानकारी बीते सोमवार को श्रम मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में दी। चालू वित्त वर्ष के दौरान अक्टूबर तक 27,105 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। ईपीएफओ ने 2022-23 में ईटीएफ में 53,081 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो 2021-22 में 43,568 करोड़ रुपये से अधिक है।
कब-कब कितना किया निवेश
खबर के मुताबिक, ईपीएफओ की तरफ से ऋण उपकरणों और ईटीएफ में निवेश पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ ने 2016-17 में ईटीएफ में 14,983 करोड़ रुपये, 2017-18 में 24,790 करोड़ रुपये, 2018-19 में 27,974 करोड़ रुपये, 2019-20 में 31,501 करोड़ रुपये और 2020-21 में 32,071 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
किसी ब्लू-चिप कंपनी के स्टॉक निवेश नहीं
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि ईपीएफओ किसी ब्लू-चिप कंपनी के स्टॉक सहित व्यक्तिगत शेयरों में सीधे निवेश नहीं करता है। ईपीएफओ बीएसई-सेंसेक्स और निफ्टी -50 सूचकांकों की नकल करते हुए ईटीएफ के जरिये इक्विटी बाजारों में निवेश करता है। इसने समय-समय पर बॉडी कॉरपोरेट्स में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी के विनिवेश के लिए विशेष रूप से बनाए गए ईटीएफ में भी निवेश किया है
फंड का 5 प्रतिशत निवेश करना किया था शुरू
सामाजिक सुरक्षा संगठन यानी ईपीएफओ के निवेश फंड में कुल राशि वित्त वर्ष 2023 में 16.7 प्रतिशत बढ़कर 21.3 ट्रिलियन रुपये हो गई है, जो 2021-22 (FY22) में 18.3 ट्रिलियन रुपये थी। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, ईपीएफओ ने अपने निवेश पर ज्यादा इनकम के लिए अगस्त 2015 में एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी50 पर आधारित ईटीएफ में अपने फंड का 5 प्रतिशत निवेश करना शुरू किया था। बाद में सीमा को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।
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