कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नए मेंबर्स की कुल संख्या बीते वित्त वर्ष (FY2023-24) में चार प्रतिशत घटकर 1.09 करोड़ रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट में रविवार को यह जानकारी दी गई है। भाषा की खबर के मुताबिक, ईपीएफओ की ‘भारत में पेरोल रिपोर्टिंग: एक रोजगार परिप्रेक्ष्य-जनवरी से अप्रैल, 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ ने 2022-23 में कुल 1,14,98,453 नए सदस्य जोड़े थे। यह संख्या 2023-24 में घटकर 1,09,93,119 रह गई है।
कोरोना का रहा था असर
खबर के मुताबिक, महामारी के कारण ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की कुल संख्या में 2020-21 में गिरावट आई थी और यह 85,48,898 रही थी। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में ईपीएफओ से 1,10,40,683 नए सदस्य जुड़े थे। वित्त वर्ष 2021-22 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या 1,08,65,063 रही थी। देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों ने 2020 और 2021 में लॉकडाउन लगाया था, जिससे आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हुआ था।
2023-24 तक पूर्व-कोविड स्तर तक नहीं पहुंचे
आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में, ईएफपीओ द्वारा जोड़े गए कुल नए सदस्य 2018-19 के पूर्व-कोविड स्तर तक नहीं पहुंचे थे। 2018-19 में ईपीएफओ से कुल 1,39,44,349 नए सदस्य जुड़े थे। अप्रैल, 2018 से मंत्रालय सितंबर, 2017 के बाद की अवधि को कवर करते हुए संगठित क्षेत्र के रोजगार संबंधी आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें तीन प्रमुख योजनाओं कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से जुड़ने वाले सदस्यों की जानकारी ली जाती है।
रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के सदस्यों की सकल वृद्धि भी 2022-23 के 1,67,73,023 से घटकर 2023-24 में 1,67,60,672 रह गई है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, एनपीएस के तहत नए सदस्यों की संख्या 2022-23 के 8,24,735 से बढ़कर 2023-24 में 9,37,020 हो गई।
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