EPFO: संगठित क्षेत्र में लगातार बढ़ रही नौकरियां, सितंबर में जुड़े 17.21 लाख सदस्य
संगठित क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि देखने को मिली है। सितंबर में ईपीएफओ ने 17.21 लाख सदस्यों को जोड़ा है। सबसे अधिक सदस्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में जुड़े।
संगठित क्षेत्र में नई नौकरियां बढ़ी हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सितंबर में शुद्ध रूप से 17.21 लाख सदस्यों को जोड़ा है। यह जानकारी नियमित वेतन पर रखे गये लोगों के बारे जारी आंकड़े से मिली है। श्रम मंत्रालय के सोमवार को जारी बयान के अनुसार मासिक आधार पर इस साल अगस्त के मुकाबले सितंबर में शुद्ध रूप से 21,475 नये सदस्य ईपीएफओ से जुड़े। वहीं सालाना आधार पर सितंबर, 2022 के मुकाबले इस वर्ष इसी माह में शुद्ध रूप से 38,262 नये सदस्य जुड़े थे।
मंत्रालय ने कहा कि करीब 8.92 लाख नये सदस्य सितंबर में ईपीएफओ की योजनाओं से जुड़े। नये सदस्यों में 58.92 प्रतिशत 18 से 25 साल की उम्र के हैं। यह बताता है कि जो सदस्य कार्यबल से जुड़े हैं, उसमें बड़ी संख्या में युवा हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार नौकरी मिली है।
नियमित वेतन पर रखे गये (पेरोल) लोगों के आंकड़ों से पता चलता है कि 11.93 लाख सदस्य बाहर निकले लेकिन फिर से वे ईपीएफओ से जुड़े। यानी उन्होंने अपनी नौकरी बदली है। बयान के अनुसार, इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गये। इन लोगों ने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) को नये संस्थान में हस्तांतरित करने का विकल्प चुना।
आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में 3.67 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर हुए। यह इससे पिछले माह के मुकाबले 12.17 प्रतिशत कम है। ईपीएफओ से बाहर होने वाले सदस्यों की संख्या जून 2023 से घट रही है। मंत्रालय ने कहा कि माह के दौरान 8.92 लाख नये सदस्य जुड़े। इसमें से करीब 2.26 लाख महिला सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफओ से जुड़ी हैं। साथ ही, शुद्ध रूप से करीब 3.30 लाख महिलाएं ईपीएफओ से जुड़ी हैं।
इन राज्यों बढ़े रोजगार
‘पेरोल’ के राज्यवार आंकड़े को देखा जाए तो सबसे ज्यादा सदस्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में जोड़े गये। शुद्ध रूप से जो सदस्य जोड़े गये, उसमें इनकी हिस्सेदारी 57.42 प्रतिशत है। इन राज्यों ने 9.88 लाख सदस्यों को जोड़ा। आंकड़ों के अनुसार, चीनी उद्योग, कूरियर सेवा, लोहा और इस्पात, अस्पताल, ट्रैवल एजेंसियों आदि में काम करने वालों की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। चूंकि आंकड़ा सृजन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसे में कर्मचारियों का रिकॉर्ड लगातार अद्यतन होते रहे हैं।
(भाषा के इनपुट के साथ)