EPFO: यदि आप भी नौकरीपेशा हैं और आपकी कंपनी कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) का पैसा काटती है, तो आपको जल्द ही होली पर आपको तोहफा मिल सकता है। दरअसल आज से EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक गुवाहाटी में शुरू हुई है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाना और पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दरों पर फैसला लेना है। इसमें 2021-22 के लिए प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट्स पर ब्याज दर (interest rate) को फाइनल किया जाएगा। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 और इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी ब्याज दिया था।
ट्रस्टी की इस बैठक में ब्याज दर पर जो फैसला लिया जाएगा उसे मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने पीएफ जमा पर ब्याज दर को घटाकर 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत कर दिया था जो इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है।
- 2018-19 में ब्याज— 8.65 प्रतिशत
- 2017-18 में ब्याज— 8.65 प्रतिशत
- 2016-17 में ब्याज— 8.65 प्रतिशत
- 2015-16 में ब्याज— 8.80 प्रतिशत
- 2014-15 में ब्याज— 8.75 प्रतिशत
- 2013-14 में ब्याज— 8.75 प्रतिशत
घटेंगी, बढ़ेंगी या स्थिर रहेंगी ब्याज दरें?
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रस्टी बोर्ड के कुछ मेंबर पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने के पक्ष में है। लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या इसे स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। सूत्रों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। इससे कमाई प्रभावित हो सकती है। ऐसे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है। लेकिन इसमें कटौती की भी संभावना है।
100 करोड़ के फंड का कोई दावेदार नहीं
हाल ही मीडिया में खबर आई थी कि ईपीएफओ के पास पड़ी बिना दावे वाली राशि से 100 करोड़ रुपये वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर करने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से 2015 में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, ईपीएफ, पीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं में पड़ी बिना दावों की रकम को सात साल बाद वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाए।
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