नई दिल्ली। कोरोना महामारी से उबर रही कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों को वेतन में बंपर बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। माइकल पेज वेतन रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में सामान्य वेतन वृद्धि नौ प्रतिशत रहने की संभावना है, जो महामारी से पिछले वर्ष 2019 में 7 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया कि यूनिकॉर्न के साथ मिलकर स्टार्टअप और नए जमाने के संगठन वेतन वृद्धि की अगुवाई करेंगे और इनके द्वारा औसतन 12 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की उम्मीद है।
इन सेक्टर में होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
रिपोर्ट के मुताबिक, वृद्धि वाले क्षेत्रों में बैंकिंग और वित्तीय सेवा, प्रॉपटी और कंस्ट्रक्शन के साथ ही विनिर्माण उद्योग शामिल हैं। भारत में ई-कॉमर्स और डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे अन्य क्षेत्रों में वृद्धि के कारण कंप्यूटर विज्ञान पृष्ठभूमि वाले वरिष्ठ स्तर के पेशेवर अधिक वेतन वाली नौकरियां पाने की स्थिति में होंगे। इसके अलावा डेटा वैज्ञानिक (विशेष रूप से मशीन लर्निंग से परिचित), वेब डेवलपर्स और क्लाउड आर्किटेक्ट की भी अत्यधिक मांग होगी।
तिमाही-छमाही आधार पर अप्रेजल देने की तैयारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी पेशवरों की औसत वेतन वृद्धि अन्य नौकरी में समान शैक्षिक योग्यता वाले पेशेवरों की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कंपनियां अब अच्छे टैलेंट को रिटेन करने के लिए तिमाही, छमाही वेतन वृद्धि, पदोन्नति, वैरीअबल पे-आउट, कंपनी शेयर, बोनस और मिड-टर्म इंसेंटिव समेत कई प्रकार के प्रस्तावों पर विचार कर रही हैं।
शानदार काम करने वालों की मौज
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां अपने सबसे बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। दरअसल, कोरोना के बाद अच्छे टैलेंट को रोकना कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में कंपनियां अपने यहां मेहनती और टैलेंटेड कर्मचारियों को रोकने के लिए वेतन में बड़ी वृद्धि भी कर सकती है। हालांकि, यह सभी के लिए नहीं होगा।
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