देश में तेजी से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग, 2030 तक सालाना 1.7 करोड़ EV की बिक्री होगी
EV: रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ईवी उद्योग ने 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते आई मंदी के बाद तेजी से वापसी की है।
घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग में 2021 से 2030 के बीच सालाना 49 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि इस खंड की बिक्री 2030 तक सालाना 1.7 करोड़ इकाई के आंकड़े को पार कर जाएगी। भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आईईएसए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह अनुमानित वृद्धि ईंधन की बढ़ती कीमतों, नए कंपनियों के प्रवेश, ईवी प्रौद्योगिकी में उन्नति, केंद्र और राज्य सरकारों से लगातार सब्सिडी समर्थन के चलते होगी। साथ ही उत्सर्जन मानकों को लागू करने से भी इन्हें बढ़ावा मिलेगा।
ईवी उद्योग ने महामारी के बाद वापसी की
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ईवी उद्योग ने 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते आई मंदी के बाद तेजी से वापसी की है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की घरेलू ईवी बाजार में 2021 में कुल 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और उनकी कुल बिक्री 4.67 लाख इकाई से अधिक रही। इसके बाद धीमी गति वाले ई-तिपहिया वाहनों का स्थान रहा। रिपोर्ट के अनुसार, ईवी खंड के 2025 के बाद तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
ईवी का हिस्सा 9-11 प्रतिशत होगा
वाहन कलपुर्जा उद्योग के राजस्व में 2027 तक 9-11 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उपकरणों का होने की उम्मीद है। विश्लेषक फर्म क्रिसिल ने यह अनुमान जताया है। क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि परंपरागत वाहनों के उपकरणों की आपूर्ति में वृद्धि का सिलसिला कायम रहने के बीच ईवी उपकरणों की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी। फिलहाल कुल वाहन कलपुर्जा बाजार में ईवी की हिस्सेदारी महज एक प्रतिशत है। क्रिसिल का अनुमान है कि इलेक्ट्रिक वाहन उपकरणों का राजस्व सालाना आधार पर 76 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2026-27 में 72,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 4,300 करोड़ रुपये रहा था। बढ़े हुए राजस्व में करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले बैटरी खंड की रहने की संभावना है। इसके साथ ही ईवी उपकरण आपूर्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा दोपहिया एवं यात्री वाहनों का हो सकता है। क्रिसिल ने ईवी उपकरण विनिर्माण में लगी 220 कंपनियों के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि ईवी का इस्तेमाल बढ़ने से घरेलू वाहन उपकरण विनिर्माताओं के लिए अवसरों के साथ चुनौतियां भी बढ़ेंगी।