नई दिल्ली। भारतीय बाजार में ई-स्कूटर धूम मचा रहे हैं। इसके चलते 2021 में, देश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री दो गुना बढ़कर 2,33,971 यूनिट हो गई। लेकिन इसके साथ ही सेफ्टी को लेकर चिंता बढ़ गई है। दरअसल, गर्मी शुरू होने के साथ ही रविवार को ओला समेत एक दूसरी कंपनी की ई-स्कूटर धू-धू कर जल गए। इस घटना के बाद ऑटो विशेषज्ञों ने ई-स्कूटर कंपनियों पर सेफ्टी के साथ लापरवाही करने का आरोप लगाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ई-स्कूटर की रेस में में स्टार्टअप कंपनियां सेफ्टी को भूल गई है। यह बहुत ही खतरनाक है और इसके बहुत ही बुरे परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
सुरक्षा मानक नहीं होने से बढ़ा संकट
ऑटो एक्सपर्ट मुराद अली बेग ने इंडिया टीवी को बताया कि ई-वाहन क्षेत्र में अंधी दौड़ शुरू हो गई है। इसकी वजह यह है कि पेट्रोल-डीजल वाहन जैसा इस क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से कोई सुरक्षा मानक तय नहीं किया है। इसका फायदा उठाकर नई-नई कंपनियां आ रही हैं और चीन से बैट्ररी, मोटर और दूसरे पार्ट मंगाकर ई-स्कटूर को असेंबल कर भारत में बेचना शुरू कर रही हैं। उनके पास ई-स्कूटर को सुरक्षा मानक जांचने के लिए कोई पैमाना नहीं है। इसका परिणाम अब दिखाई देने लगा है। आने वाले समय में और गंभीर परिणाम भी देखने को मिल सकता है। समय रहते सरकार को इस पर सख्ती बरतने की जरूरत है। ई-वाहन के लिए सुरक्षा मानक तय करने के लिए एक बॉडी का गठन जल्द से जल्द करने की जरूरत है।
बैट्ररी निर्माता कंपनियों की चिंता बढ़ी
ओला के ई-स्कूटर में आग लगने के बाद बैट्ररी निर्माता कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। कंपनियों ने बैट्ररी की डिजाइन और कंम्पोनेंट पर फिर से काम करने की बात कही है। कंपनियों का कहना है कि ई-स्कूटर की बैट्ररी को हमेशा ठंडा और कम तापमान में रखने की जरूरत है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी ओर भारत किफायती स्कूटरों का बाजार है। ऐसे में एक्टिव कूलिंग सिस्टम लगाना मुश्किल है। ऐसे में कंपनियों को बैट्ररी के कंम्पोनेंट में बदलाव करने की जरूरत होगी। अगर, वो ऐसा नहीं करती है तो गर्मी में आग लगने की घटना बढ़ सकती है।
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