मूंगफली तेल के भाव टूटकर सात-आठ साल पहले के लेवल पर, जानिए सरसों और सोयाबीन तेल के रेट
बिनौले खल का दाम टूटने के असर से मूंगफली खल की मांग कमजोर हुई है और इसके लिवाल नहीं के बराबर हैं। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट आने के साथ साथ मूंगफली किसान भी परेशान हैं।
देश के प्रमुख बाजारों में शुक्रवार को मूंगफली तेल-तिलहन, आयात होने वाले सोयाबीन डीगम तेल और बिनौला तेल के दाम में नरमी रही। इस गिरावट के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम सात-आठ साल पहले के भाव के आसपास मंडराने लगे हैं। बाजार सूत्रों ने कहा कि कपास फसल के लिए देश की एक अग्रणी संस्था के पिछले दिनों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिनौला सीड (तिलहन) बेचे जाने के बीच बाजार धारणा प्रभावित होने से कीमत पर असर पड़ा है। दूसरी ओर, कम आवक और जाड़े की थोड़ी मांग के कारण सरसों तेल-तिलहन में सुधार हुआ। साथ ही हाजिर बाजार के कमजोर दाम पर बिक्री से बचने के लिए किसानों द्वारा सरकारी खरीद के इंतजार में अपना माल रोक-रोक कर बेचने के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार आया।
सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर तेल तथा ऊंचे दाम पर मांग कमजोर रहने के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। सूत्रों ने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा एमएसपी पर खरीद के बाद की लागत से कम दाम पर बिनौला सीड (तिलहन) की बिकवाली करने से तेल-तिलहन बाजार की आम कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है। इससे मूंगफली तेल-तिलहन के दाम सात-आठ साल पहले के स्तर (लगभग 5,800-6,000 रुपये क्विंटल) के आसपास मंडराने लगे हैं। सूत्रों ने कहा कि मूंगफली तेल-तिलहन को निर्यात की सामग्री माना जाता है तथा मूंगफली और बिनौला तेल की अधिकांशतया खपत गुजरात में होती है। अभी कुछ दिनों पहले एकमात्र इसी तेल का दाम आयातित एवं देशी खाद्यतेलों में सबसे अधिक हुआ करता था। लेकिन सीसीआई द्वारा कपास से निकलने वाले बिनौला तिलहन की बिक्री, कपास के खरीद भाव के अनुरूप निर्धारित नहीं करने और बाजार भाव से काफी कम दाम पर बेचने से कुल कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है। इस कारण मूंगफली तेल मौजूदा समय में पाम, पामोलीन जैसे खाद्यतेल से भी नीचे चला गया है।
मूंगफली किसान परेशान
बिनौले खल का दाम टूटने के असर से मूंगफली खल की मांग कमजोर हुई है और इसके लिवाल नहीं के बराबर हैं। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट आने के साथ साथ मूंगफली किसान भी परेशान हैं। सरकार को इस स्थिति की ओर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा कि अब तक मंडियों में कपास की लगभग 65 लाख गांठों की आवक हुई है, जिसमें से सरकारी खरीद लगभग 25 लाख गांठों की ही हो पायी है। हाजिर बाजार में कपास के दाम एमएसपी से लगभग छह से आठ प्रतिशत कम होने के कारण बाकी के कपास कमजोर दाम पर बिके हैं। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। मलेशिया एक्सचेंज में मामूली गिरावट है, जबकि शिकागो एक्सचेंज में मामूली सुधार है। सूत्रों ने कहा कि आवक कम रहने और जाड़े की मामूली मांग के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमत में सुधार दिखा। जबकि हाजिर बाजार में सोयाबीन के एमएसपी से दाम काफी नीचा होने के बीच सरकारी खरीद की आस में किसानों द्वारा रोक-रोक कर अपनी दपज बाजार में लाने के कारण सोयाबीन तिलहन कीमत में सुधार आया। उन्होंने कहा कि धन की तंगी की वजह से आयात भाव के मुकाबले कम दाम पर बिकवाली की मजबूरी के कारण सोयाबीन डीगम तेल कीमत में गिरावट देखी गई। वहीं, सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर तेल के दाम पूर्ववत बने रहे। बिनौला सीड का दाम टूटने की वजह से बिनौला तेल के दाम में भी गिरावट है। सूत्रों ने कहा कि ऊंचे भाव पर मांग कमजोर होने के बीच पाम, पामोलीन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए। बिनौला खल में गिरावट के बीच मूंगफली खल, सरसों खल की मांग भी कमजोर हुई है लेकिन इसका असर दूध के दाम पर देखने को नहीं मिल रहा है जिसके दाम में तेजी बनी हुई है। आम तौर पर माना जाता है कि खल के दाम कम होने से पशुआहार सस्ते होने के कारण दूध की कीमत में भी कमी आनी चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
- सरसों तिलहन - 6,475-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली - 5,975-6,300 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,450 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,190-2,490 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,255-2,355 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,255-2,380 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।\
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 13,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दाना - 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज- 3,900-4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
- मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)