Edible Oil Prices : विदेशों में पाम ऑयल के दाम बढ़ने से पैदा हुआ संकट, जानिए सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल के भाव
पाम-पामोलीन का आयात घटने से खाद्यतेलों की मांग को पूरा करने का संकट पैदा होगा। ऐसा इस वजह से होगा कि विदेशों से सोयाबीन को मंगाने में लगभग 60 दिन का समय लगता है और सूरजमुखी तेल की उत्तर भारत में अधिक खपत नहीं है।
शिकागो एक्सचेंज कल रात मजबूत रहने के कारण शनिवार को देश के प्रमुख बाजारों में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (CPO) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम मजबूती के साथ बंद हुए। डी-आयल्ड केक (DOC) की कमजोर निर्यात मांग से सोयाबीन तिलहन में गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की आवक घटने के बीच सरसों तेल-तिलहन के भाव में सुधार आया। सरसों की आवक कल के 1.80 लाख बोरी से घटकर 1.40-1.45 लाख बोरी रह गई।
विदेशों में बढ़े पाम ऑयल के दाम
पाम, पामोलीन का आयात मंहगा होने के बीच इस तेलों की कमी को दूर करने के लिए आगे जाकर सरसों, सोयाबीन पर दवाब बढ़ने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि विदेशों में पाम-पामोलीन के दाम मजबूत होने की वजह से पाम-पामोलीन तेल के दाम में सुधार हुआ। पामोलीन तेल का आयात करने में 144 रुपये किलो की लागत आती है और आयातकों को यही तेल 140 रुपये किलो के थोक भाव से बेचना पड़ता है, क्योंकि इतने मंहगे दाम पर लिवाल की कमी है। इसके अलावा जिन व्यापारियों ने पहले से आयातकों से खरीद कर रखी है, वे इसी तेल को 136-137 रुपये किलो के थोक भाव बेच रहे हैं। इसका आने वाले दिनों में बाकी तेल-तिलहन पर भी असर आयेगा।
खाद्यतेलों की मांग को पूरा करने का संकट
पाम-पामोलीन का आयात घटने से खाद्यतेलों की मांग को पूरा करने का संकट पैदा होगा। ऐसा इस वजह से होगा कि विदेशों से सोयाबीन को मंगाने में लगभग 60 दिन का समय लगता है और सूरजमुखी तेल की उत्तर भारत में अधिक खपत नहीं है। ऐसे में पाम-पामोलीन की आपूर्ति की दिक्कत को किस तेल से पूरा किया जायेगा, इस बारे में ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कल रात शिकागो एक्सचेंज के मजबूत बंद होने की वजह से सोयाबीन तेल के दाम में सुधार है। वहीं, डीओसी की कमजोर निर्यात एवं स्थानीय मांग से सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट है। बिनौला खल का दाम टूटने की वजह से बिनौला खल के दाम में वृद्धि किये जाने से बिनौला तेल में सुधार है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
- सरसों तिलहन - 6,575-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली - 6,250-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,500 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,185-2,485 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 13,725 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,275-2,375 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,275-2,400 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,885 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,885 रुपये प्रति क्विंटल।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 13,700 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दाना - 4,300-4,350 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज- 4,000-4,035 रुपये प्रति क्विंटल।
- मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।