Edible Oil: बीते 2 महीने में कच्चा तेल ही नहीं बल्कि खाने के तेल (Oil) के दाम भी आम आदमी का तेल निकाल रहे हैं। अब गुजरात स्टेट एडिबल ऑयल एंड एडिबल ऑयल सीड्स एसोसिएशन (GSEOOSA) के अध्यक्ष ने आशंका व्यक्त की है कि चीन में सूखा और दक्षिण भारतीय राज्यों में मूंगफली की कम खेती आने वाले सीजन में मूंगफली तेल की कीमतों को बढ़ावा दे सकती है।
चीन में सूखा से भारत को नुकसान
जीएसईओओएसए के अध्यक्ष समीर शाह ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आगामी सत्र के लिए विशिष्ट और खाद्य तेल दरों में मूंगफली तेल की कीमतों की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि कई कारक घरेलू बाजार को प्रभावित करने वाले हैं, जैसे चीन में सूखा जो भारत समेत अन्य देशों से अधिक मूंगफली आयात करने के लिए मजबूर करेगा। दक्षिणी राज्यों में विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में मानसून के मौसम में मूंगफली की बुआई केवल 20 प्रतिशत और कर्नाटक में पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है।
राज्य के कृषि विभाग के अनुसार, गुजरात में मानसून के मौसम में मूंगफली की बुआई 17 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। यह पिछले साल की तुलना में 22 अगस्त तक दो लाख हेक्टेयर कम है।
मौसम ने बिगाड़ा खेल
2020-21 के लिए चीन के मूंगफली उत्पादन के लिए अमेरिका के कृषि विभाग का पूवार्नुमान 17.7 मिलियन मीट्रिक टन था, जो चालू वर्ष के लिए समान रहने की संभावना है, लेकिन मौसम में सूखा पड़ने से बुवाई और कटाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिसके कारण इसका आयात बढ़ेगा और साथ ही महंगाई बढ़ने की भी आशंका है। आने वाले सीजन में गुजरात और भारत में खाद्य तेल की कीमतों और विशेष रूप से मूंगफली तेल की कीमतों में तेजी आएगी। गुरुवार को मूंगफली तेल की 17 लीटर कीमत 3000 रुपये के स्तर को छू गई, जो ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर है।
खरीफ फसल की बुआई में भी आई रिकॉर्ड गिरावट
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ फसलों की कुल बुआई क्षेत्र लगातार गिर रहा है और पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। चावल (8.3 प्रतिशत) और दलहन (5.3 प्रतिशत) का बुआई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कम है।
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