एजुटेक कंपनी बायजूस को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जोरदार झटका दिया है। ईडी ने बायजू और उसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक रवींद्रन बायजू को 9,300 करोड़ रुपये से अधिक के विदेशी मुद्रा नियम उल्लंघन के लिए बीते मंगलवार को कारण बताओ नोटिस भेजा है। वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने बायजू और उसके मुख्य प्रमोटर पर फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने के लिए कई आधारों की बात कही है। भाषा की खबर के मुताबिक, इसमें देश के बाहर भेजे गए एडवांस मनी के संदर्भ में इम्पोर्ट के डॉक्यूमेंट्स जमा करने में नाकाम रहने का आरोप भी शामिल है।
निर्यात से हुई आय का ब्योरा देने में देरी का आरोप
खबर के मुताबिक, ईडी ने कंपनी को मिले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुकाबले निर्यात से हुई आय का ब्योरा देने में देरी का आरोप भी लगाया गया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि बायजू ब्रांड के तहत संचालित कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और उसके सह-संस्थापक रवींद्रन को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत 9,362.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कंपनी ने शेयरधारकों को भेजे गए ई-मेल में एक कानूनी फर्म की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि उसने फेमा नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
बयान दर्ज किए गए
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि अप्रैल में रवींद्रन के बेंगलुरु स्थित घर समेत तीन परिसरों की ली गई। तलाशी के बाद रवींद्रन और बायजू के मुख्य वित्तीय अधिकारी के बयान दर्ज किए गए थे। बयान के मुताबिक, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को मिले विदेशी निवेश और कंपनी के 'व्यावसायिक आचरण' के संबंध में मिली शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने भारत के बाहर महत्वपूर्ण धन भेजने के साथ विदेशों में निवेश किया है जो फेमा अधिनियम, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन है। बेंगलुरु स्थित यह कंपनी स्कूली शिक्षा और परीक्षा की तैयारी सहित अन्य सेवाएं मुहैया कराती है। इसकी स्थापना रवींद्रन बायजू ने पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ मिलकर की थी।
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