मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका में हाल के घटनाक्रमों के चलते वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ रही है और सरकारों, व्यवसायों तथा लोगों को वित्त, कॉरपोरेट तथा बचत खाते की योजना बनाते वक्त सुरक्षित मार्जिन बनाकर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जनवरी में वैश्विक वृद्धि के जो अनुमान जताए थे वे पुराने हो चुके हैं और अब देशों को यह देखना होगा कि बीते हफ्ते अमेरिका में जो घटनाक्रम हुए उनका भरोसे पर, बैंकों की कर्ज वृद्धि आदि पर क्या प्रभाव होगा।
बीते हफ्ते अमेरिका के दो बैंक विफल हो गए जिनमें न्यूयॉर्क का सिग्नेचर बैंक शामिल है। यह बैंक मुख्यत: क्रिप्टो उद्योग को ऋण सुविधा देता था, इसे नियामकों ने रविवार को बंद कर दिया। इससे पहले बीते शुक्रवार को अमेरिका के 16वें बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक को बंद किया गया था। यह बैंक मुख्य रूप से स्टार्टअप उद्योग को वित्तीय सहायता मुहैया करवाता था। क्रिसिल इंडिया आउटलुक संगोष्ठि में नागेश्वरन ने कहा कि पहले से बढ़ रही अनिश्चिता पिछले हफ्ते और भी गहरा गई।
देशों को इन हालात का सामना सिर्फ इस वर्ष ही नहीं बल्कि आने वाले वर्ष और उसके बाद भी करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अनिश्चितता के दौर में जो बात याद रखना महत्वपूर्ण है वह यह है कि हमें अपने परिचालनों में सुरक्षा मार्जिन सुनिश्चित करना चाहिए। वित्तीय योजना, कॉरपोरेट योजना और घरेलू लेखाजोखा के साथ-साथ बचत खाता योजना के लिए भी यह जरूरी है।’’ नागेश्वरन ने कहा कि इन घटनाक्रमों का भारत जैसे देशों पर असर का पता लगाना अभी मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक मांग, तेल के दाम और अमेरिकी की ब्याज दरों तथा डॉलर पर इसका असर हमारे लिए सकारात्मक रहने वाला है।
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