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Hindi News पैसा बिज़नेस Economic Survey: देश के विकास का पहिया बना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय समावेशन में निभा रही बड़ी भूमिका

Economic Survey: देश के विकास का पहिया बना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय समावेशन में निभा रही बड़ी भूमिका

सरकार ने वित्तीय सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी है। विश्व बैंक के वैश्विक वित्तीय समावेशन डेटाबेस के अनुसार, भारत ने पिछले दस वर्षों में अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

Digital Infra - India TV Paisa Image Source : ECONOMY SURVEY डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक समीक्षा पेश कर दी है। इस इकोनॉमी सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत रफ्तार बनी रहने की बात कही गई है। चालू वित्त वर्ष के लिए रियल जीडीपी 6.5% से लेकर 7% रहने का अनुमान जताया गया है। साथ ही कहा गया है कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अब देश के विकास का पहिया बन चुका है। इतना ही नहीं वित्तीय समावेनशन यानी फाइनेंशियल इन्क्लूजन में बड़ी भूमिका निभा रहा है। 

वित्तीय समावेशन सिर्फ एक लक्ष्य नहीं 

इकोनॉमी सर्वे में कहा गया है कि वित्तीय समावेशन सिर्फ़ एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि सतत आर्थिक विकास, असमानता में कमी और गरीबी उन्मूलन के लिए एक साधन के रूप में भी है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने वित्तीय समावेशन को 2030 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में अन्य विकास लक्ष्यों के एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में स्थान दिया है। वित्तीय समावेशन समग्र आर्थिक विकास को बढ़ा सकता है और विभिन्न एसडीजी की उपलब्धि को सुगम बना सकता है। 

फाइनेंशियल इन्क्लूजन से सभी को फायदा 

सरकार ने वित्तीय सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी है। विश्व बैंक के वैश्विक वित्तीय समावेशन डेटाबेस के अनुसार, भारत ने पिछले दस वर्षों में अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है। औपचारिक वित्तीय संस्थान में खाता रखने वाले वयस्कों की संख्या 2011 में 35 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 77 प्रतिशत हो गई। बैंक खाते के आंकड़ों और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के साथ संबंध के आधार पर, एक अनुमान यह है कि अगर भारत पूरी तरह से ट्रैडिशनल माध्यम पर निर्भर रहता तो 80 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाता का लक्ष्य हासिल करने में 47 वर्ष लग जाते। डिजिटल लोन व्यक्तियों और फर्मों को आर्थिक अवसरों को विकसित करने के लिए सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। यह समावेशी विकास के लिए एक शक्तिशाली मेडियम बन सकता है। 

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