यूरोप की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति जर्मनी इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रही है। कार से लेकर हैवी मशीनरी का दुनिया भर का सबसे बड़ा निर्यातक यह देश रूस यूक्रेन युद्ध के चलते मंदी के भंवर में गिरा है। लेकिन इस ग्लोबल अर्थव्यवस्था में कोई भी संकट सिर्फ एक देश तक ही सीमित नहीं रहता। दुनिया में सबसे तेजी से उभरती भारत की अर्थव्यवस्था इससे बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। पूरा ईयू बढ़ती ऊर्जा कीमतों का सामना कर रहा है, जिससे लगातार दो तिमाहियों से जर्मनी में मंदी बनी हुई है।
भारत पर पड़ेगा बुरा असर
विशेषज्ञों के अनुसार जर्मनी में आर्थिक मंदी से भारत का रसायन, मशीनरी, परिधान और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों का यूरोपीय संघ (ईयू) को निर्यात प्रभावित हो सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात-आयात (एग्जिम) पर समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने यह बात कही है। हालांकि जर्मनी में आर्थिक मंदी का भारतीय निर्यात पर असर जानना अभी जल्दबाजी होगी।
कितने गहरे संकट में जर्मनी
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी मंदी का सामना कर रहा है। इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 की चौथी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2023 की पहली तिमाही में 0.3 प्रतिशत और गिर गया। हालांकि जर्मनी में मंदी के भारत पर प्रभाव का अभी आकलन करना जल्दबाजी होगा, लेकिन उपरोक्त क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे।’’
भारत से किन चीजों का कारोबार
बुधिया ने कहा, “वर्ष 2022 में भारत के कुल निर्यात में जर्मनी का हिस्सा 4.4 प्रतिशत जर्मनी था। भारत ने मुख्य रूप से जैविक रसायनों, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, फुटवियर, लौह-इस्पात के साथ-साथ चमड़े की वस्तुओं का निर्यात किया था।”
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