छोटे कारोबारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। कोरोना महामारी के वक्त शुरू की गई आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) के तहत सरकार ने अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इससे अब इस योजना के तहत कोष 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर पांच लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह निर्णय कोविड-19 महामारी से प्रभावित होटल और संबंधित क्षेत्रों में कम लागत वाले ऋण प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में ईसीएलजीएस को 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी गई। उन्होंने कहा कि होटल और उससे संबंधित क्षेत्रों में महामारी के चलते गंभीर व्यवधानों के कारण इस राशि में वृद्धि की गई है।
सरकार ने महामारी से प्रभावित कई क्षेत्रों और विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की मदद के लिए मई, 2020 में ईसीएलजीएस योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत सात प्रतिशत की रियायती दर पर ऋण दिया जा रहा है और पांच अगस्त, 2022 तक लगभग 3.67 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के आम बजट में ईसीएलजीएस की वैधता को मार्च, 2023 तक बढ़ाने और ऋण सीमा 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी। इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि योजना की वैधता 31 मार्च, 2023 तक होटल और संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों को उपलब्ध होगी।
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