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Hindi News पैसा बिज़नेस Ease of Doing Business की दिशा में और एक कदम, छोटे अपराधों को फौजदारी से मुक्त करने की तैयारी

Ease of Doing Business की दिशा में और एक कदम, छोटे अपराधों को फौजदारी से मुक्त करने की तैयारी

Ease of Doing Business: अधिकारी ने कहा कि कारोबारी सुगमता और जीवनयापन की सुगमता से संबंधित विधेयक तैयार करने का काम काफी आगे बढ़ चुका है।

Ease of Doing Business- India TV Paisa Image Source : PTI Ease of Doing Business

Highlights

  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी
  • फौजदारी मामलों से मुक्त करने की जरूरत
  • संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोशिश

Ease of Doing Business: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय देश में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए छोटे अपराधों से संबंधित सभी प्रावधानों को फौजदारी मामलों से मुक्त करने वाला एक कानून तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) यह विधेयक तैयार कर रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न कानूनों में कई प्रावधानों की पहचान की गई है, जिन्हें फौजदारी मामलों से मुक्त करने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा कि कारोबारी सुगमता और जीवनयापन की सुगमता से संबंधित विधेयक तैयार करने का काम काफी आगे बढ़ चुका है।

शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोशिश

उन्होंने बताया कि मंत्रालय इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारी ने कहा, ''हम एक कानून बना रहे हैं। हम एक विधेयक ला रहे हैं और इस विधेयक में विभिन्न कानूनों में उल्लिखित सभी छोटे अपराधों को फौजदारी मामलों से मुक्त किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ''हम विधेयक पर सभी विभागों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। हम फौजदारी मामलों से मुक्त करने के लिए एक साझा कानून लाएंगे। इसमें कारावास की जगह जुर्माने का प्रावधान होगा।

जुर्माना लगाने का प्रावधान होगा

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल नहीं होनी चाहिए। इसके बजाय जुर्माना होना चाहिए।'' अधिकारी ने कुछ उदाहरणों का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय वॉशरूम और कैंटीन में सफेदी नहीं करने जैसे छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा है। इस कवायद का मकसद एक कानून के जरिए छोटे अपराधों और छोटे प्रक्रियात्मक उल्लंघनों को फौजदारी के मामलों से मुक्त करना है।

लॉजिस्टिक नीति से कारोबारी सुगमता को बढ़ावा मिलेगा

द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति से सभी उद्योगों और हितधारकों के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा मिलेगा। यह नीति डिजिटलीकरण और मल्टीमॉडल परिवहन पर आधारित है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि यह नीति भारत के लॉजिस्टिक क्षेत्र को पूरी तरह से बदल देगी, माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि नयी नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने वाली और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है। इस नीति से कारोबार की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में रह जाने की उम्मीद है।

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