कोरोना महामारी से पहले प्रधानमंत्री ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया था। भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना संकट को मात देकर एक बार फिर से ग्रोथ के ट्रैक पर चलने की ओर अग्रसर है। अब प्रधानमंत्री ने राज्यों को कमर कसने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रत्येक राज्य को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए और भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मुख्य सचिवों के पहले तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। यह सम्मेलन शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में संपन्न हुआ। सम्मेलन 15 जून से शुरू हुआ था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मोदी ने सम्मेलन के दौरान हुए सत्रों की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक ड्राफ्ट तैयार करने में यह चर्चा उपयोगी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर राज्य को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए, अपने लक्ष्यों को परिभाषित करना चाहिए और इसे हासिल करने के लिए एक ड्राफ्ट विकसित करना चाहिए। भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए यह जरूरी है। मोदी ने 2019 में 2024-25 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विचार रखा था।
बयान में कहा गया कि भविष्य में वृद्धि और रोजगार सृजन में शहरी क्षेत्र महत्वपूर्ण होंगे और इसलिए शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में निवेश आकर्षित करने के लिए पीएम-गति शक्ति को उचित रूप से लागू किया जाना चाहिए और उन्होंने आग्रह किया कि राज्य सरकार के विभागों में सभी रिक्तियों को भरा जाना चाहिए।
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