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Hindi News पैसा बिज़नेस डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत के इन उद्योगों पर पड़ सकता है बुरा असर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत के इन उद्योगों पर पड़ सकता है बुरा असर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट्स ने कहा कि ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को भी सख्त कर सकते हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत और वृद्धि पर असर पड़ेगा। भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा आईटी एक्सपोर्ट इनकम अमेरिका से आती है।

H-1B वीजा को लेकर सख्त नियम बना सकते हैं ट्रंप- India TV Paisa Image Source : REUTERS H-1B वीजा को लेकर सख्त नियम बना सकते हैं ट्रंप

अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल सिर्फ अमेरिका नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी मायने रखना है और इसमें भारत भी शामिल है। ट्रंप का कार्यकाल भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। ट्रंप के नेतृत्व में अगर नया अमेरिकी प्रशासन ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा को आगे बढ़ाने का फैसला करता है, तो भारतीय एक्सपोर्टर्स को ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फार्मा के लिए ज्यादा कस्टम ड्यूटी का सामना करना पड़ सकता है। 

H-1B वीजा को लेकर सख्त नियम बना सकते हैं ट्रंप

एक्सपर्ट्स ने कहा कि ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को भी सख्त कर सकते हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत और वृद्धि पर असर पड़ेगा। भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा आईटी एक्सपोर्ट इनकम अमेरिका से आती है, जिससे वीजा पॉलिसी में बदलाव के प्रति भारत संवेदनशील हो जाता है। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिका से भारत का सालाना कारोबार 190 अरब डॉलर से ज्यादा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप चीन के बाद अब भारत और अन्य देशों पर भी शुल्क लगा सकते हैं। ट्रंप ने पहले भारत को ‘बड़ा शुल्क दुरुपयोगकर्ता’ कहा था और अक्टूबर, 2020 में भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार दिया था।

देश के कई सेक्टरों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है ट्रंप का एजेंडा

श्रीवास्तव ने कहा, “उनका अमेरिका फर्स्ट एजेंडा संभवतः सुरक्षात्मक उपायों पर जोर देगा, जैसे कि भारतीय वस्तुओं पर पारस्परिक शुल्क, जो संभवतः गाड़ी, शराब, कपड़ा और फार्मा जैसे प्रमुख भारतीय निर्यात के लिए बाधाएं बढ़ा सकता है। ये बढ़ोतरी अमेरिका में भारतीय उत्पादों को कम प्रतिस्पर्धी बना सकती है, जिससे इन सेक्टरों में राजस्व प्रभावित हो सकता है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन के प्रति अमेरिका का सख्त रुख भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है। 

शुल्क को लेकर व्यापार विवाद उत्पन्न होने की आशंका

दोनों देशों के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 120 अरब डॉलर रहा, जबकि 2022-23 में यह 129.4 अरब डॉलर था। इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपर्ट बिस्वजीत धर ने कहा कि ट्रंप अलग-अलग सेक्टरों में शुल्क बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के अपने आह्वान का पालन करना है। धर ने कहा, ‘‘ट्रंप के सत्ता में आने के साथ हम संरक्षणवाद के एक अलग युग में प्रवेश करने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टरों पर इसका असर पड़ सकता है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “हम उम्मीद कर सकते हैं कि ट्रंप ज्यादा संतुलित व्यापार के लिए दबाव डालेंगे। लेकिन शुल्क को लेकर व्यापार विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।”

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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