Bank Account से ये लेनदेन करना पड़ सकता है भारी, खाता हो जाएगा ब्लॉक
एचडीएफसी बैंक सहित कम से कम पांच भारतीय बैंक हैं, जो मनी म्यूल लेनदेन पर नजर रख रहे हैं। बैंकिंग धोखाधड़ी विश्लेषण विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक पहले संदिग्ध मनी म्यूल खातों को ब्लॉक करते हैं और फिर जांच शुरू करते हैं।
Bank Account से लेनदेन काफी तेजी से बढ़ा है। यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल जब से शुरू हुआ है, ट्रांजैक्शन की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इसके साथ ही खतरे भी बढ़ गए हैं। 'मनी म्यूल' होने पर बैंक अपने ग्राहकों के खाते को ब्लॉक भी कर रहे हैं। कई ऐसे लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये शिकायत भी दर्ज कराई है कि उसके खाते ब्लॉक कर दिए गए हैं। वह लेनदेन नहीं कर पा रहा है। आखिर क्या वजह है कि बैंकों को अपने ग्राहकों के खाते ब्लॉक करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। आइए जानते हैं कि वो कौन सी गलती आप करते हैं, जिसके बाद बैंक आपके खाते को ब्लॉक कर देता है।
कब बैंक ब्लॉक करता है अकाउंट
अगर आपने अकाउंट का इस्तेमाल 'मनी म्यूल' खाता के तौर र करेंगे तो बैंक आपके अकाउंट को ब्लॉक कर देता है। मनी म्यूल खाता उस अकाउंट को कहा जाता है, जिसका उपयोग दूसरों की ओर से अवैध रूप से अर्जित धन प्राप्त करने और स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। कोई व्यक्ति जानबूझकर या अनजाने में मनी म्यूल बन सकता है और अवैध रूप से अर्जित धन प्राप्त कर सकता है और इसे दूसरों को हस्तांतरित करने में मदद कर सकता है। एक धोखेबाज कुछ लाभ का लालच देकर खाताधारकों से संपर्क करता है। बाद में उसका खाते द्वारा गलत लेनदेन पाए जाने पर ब्लॉक कर दिया जाता है।
तेजी से बढ़े इस तरह के मामले
वर्तमान में धोखाधड़ी सभी अपराधों में 'मनी म्यूल' खातों की हिस्सेदारी 40% है। धोखेबाज आसानी से मनी म्यूल खातों का उपयोग करते हैं वह एक चुनौती बनी हुई है। इस धोखाधड़ी से निपटने के लिए सिंगापुर और यूके जैसे कुछ देश डेटा-शेयरिंग प्लेटफॉर्म बना रहे हैं।
बैंक खाते क्यों ब्लॉक कर देते हैं?
बैंकिंग और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, एचडीएफसी बैंक सहित कम से कम पांच भारतीय बैंक हैं, जो मनी म्यूल लेनदेन पर नजर रख रहे हैं। बैंकिंग धोखाधड़ी विश्लेषण विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक पहले संदिग्ध मनी म्यूल खातों को ब्लॉक करते हैं और फिर जांच शुरू करते हैं। अब सवाल उठता है कि बैंक खाते को ब्लॉक क्यों करते हैं? जानकारों का कहना है कि फ्रॉड करने वाले ऑपरेटर तेजी से पैसा स्थानांतरित करते हैं और जब तक असली खाताधारक को पता चलता है कि क्या हुआ है तब तक पैसा हजारों अन्य बैंक खातों में निकाल लिया गया होता है। यही कारण है कि बैंकों को चिह्नित बैंक खाते पर तुरंत कार्रवाई करनी होती है। इसलिए वो बिना बताए खाते को ब्लॉक कर देता है।