India-UK FTA : ब्रिटेन और भारत के बीच 14वें चरण की व्यापार वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हो गयी है। ब्रिटिश अधिकारियों का कहना है कि आगामी भारतीय चुनावों से पहले एक समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। दोनों देशों ने दो सालों से मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर रुक-रुक कर वार्ता की है और दोनों ही देश 2024 में राष्ट्रीय चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई तक होने वाले आम चुनावों में तीसरी बार सत्ता में आने का प्रयास करेंगे। एक ब्रिटिश अधिकारी ने कहा, "कोई भी पक्ष वार्ता से दूर नहीं जा रहा है। हमारे पास अभी वह नहीं है, जो हमें एक ऐसे समझौते को अंतिम रूप देने के लिए चाहिए जो हमारी संयुक्त महत्वाकांक्षाओं को पूरा करे।" अगले चरण की औपचारिक व्यापार वार्ता लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही शुरू हो सकती है।
पीएम मोदी ने की थी ब्रिटिश पीएम से बातचीत
इस वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बातचीत की और दोनों नेता एक ‘‘ऐतिहासिक और व्यापक समझौते’’ तक पहुंचने के महत्व पर सहमत हुए, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा। इससे पहले इस सप्ताह, भारत ने यूरोपीय राष्ट्रों के एक समूह - स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें शुल्कों को कम करने की प्रतिबद्धता जताई गई। जबकि अगले 15 वर्षों में भारत को 100 बिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त होगा।
38.1 अरब पाउंड पर पहुंच गया व्यापार
पिछले महीने के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अभी भारत और यूके के बीच व्यापार एक साल में 38.1 अरब पाउंड के करीब है। ब्रिटेन में आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘हमारा अनुमान है कि थोड़ी बहुत बातचीत हो सकती है लेकिन अगले चरण की बातचीत भारत में चुनाव के बाद ही होगी।’’ सूत्रों ने बताया, ‘‘कोई भी पक्ष बातचीत से भाग नहीं रहा है। सिर्फ इतनी सी बात है कि हमारे पास किसी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वह सब कुछ नहीं है जो वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में हमारी संयुक्त महत्वाकांक्षा को पूरा करता हो। पिछले कुछ वर्षों में वार्ताकारों ने बहुत कड़ी मेहनत की है और हम कुछ मुद्दों को हल करने में कामयाब रहे हैं।’’
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