DHFL ने कथित तौर पर नौ रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए 14,683 करोड़ रुपये से अधिक के कोष की हेराफेरी की है। सीबीआई ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि ये कंपनियां तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और व्यवसायी सुधाकर शेट्टी के नियंत्रण वाली हैं। अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही इन रियल एस्टेट कंपनियों की भूमिका केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में आ गई है। इनमें से पांच शेट्टी की सहाना समूह से संबंधित हैं।
17 बैंकों के साथ धोखाधड़ी का मामला
सीबीआई दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में 34,615 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह के साथ कथित धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया है। यह एजेंसी की जांच के दायरे में आई अबतक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी है। सीबीआई ने बैंक से 11 फरवरी, 2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है।
जनवरी, 2019 में जांच शुरू हुई थी
जनवरी, 2019 में जांच शुरू होने के बाद फरवरी, 2019 में ऋणदाताओं की समिति ने एक बैठक बुलाई थी। इसके बाद समिति के सदस्यों ने केपीएमजी को एक अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक डीएचएफएल की विशेष समीक्षा ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था। ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि डीएचएफएल प्रवर्तकों के साथ समानता रखने वाली 66 संस्थाओं को 29,100.33 करोड़ रुपये का वितरण किया गया, जिसमें से 29,849 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक ने आरोप लगाते हुए कहा, ऐसी संस्थाओं और व्यक्तियों के अधिकांश लेन-देन भूमि और संपत्तियों में निवेश की प्रकृति के थे।
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