बाजार में धनतेरस की शुरुआत धीमी हुई है। बर्तन, सजावटी सामान से लेकर ज्वैलर्स की दुकान पर भीड़ नहीं देखने को मिल रही है। हालांकि, ज्वैलर्स को उम्मीद है कि शाम तक ग्राहकों की संख्या तथा बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। सोने की ऊंची कीमत के कारण इसकी त्योहारी मांग कम होने की आशंका है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, कामकाजी दिन होने के कारण सुबह के समय लोगों की कम संख्या देखने को मिली क्योंकि लोग कार्यालय जा रहे हैं। हालांकि, हमें दोपहर दो-ढाई बजे से देर शाम तक ग्राहकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सोने की ऊंची कीमतों के हिसाब से बिक्री प्रभावित होगी। इस धनतेरस पर कारोबार पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत कम या पिछले साल के बराबर रहने का अनुमान है। धनतेरस को कीमती धातुओं, सोने तथा चांदी के आभूषणों की खरीद के लिए शुभ दिन माना जाता है।
सोने की ऊंची कीमत से बिक्री पर असर
उन्होंने कहा, हमें इस धनतेरस पर 20 टन बिक्री की उम्मीद है, जो पिछले साल के बराबर है। हालांकि, सोने की ऊंची कीमतों से बिक्री प्रभावित हो सकती है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोने की कीमत 400 रुपये घटकर 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर हो गई। 99.9 प्रतिशत तथा 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत शनिवार को क्रमश: 81,500 रुपये और 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि, चांदी 99,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन (पूर्वी क्षेत्र) ने कहा, वैश्विक अनिश्चितताओं तथा भू-राजनीतिक स्थितियों के बीच सोने की चमक कायम है, जबकि चांदी एक किफायती विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनी है।
1,25,000 रुपये तक पहुंच सकती है चांदी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) ने हालांकि अनुमान लगाया गया कि चांदी की कीमतें संभावित रूप से सोने से आगे निकल सकती हैं। एमओएफएसएल का अनुमान है कि औद्योगिक मांग तथा सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी के कारण 12-15 महीने के भीतर एमसीएक्स पर चांदी 1,25,000 रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं सोना क्रमशः 81,000 से 86,000 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
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