एयरलाइन कंपनियों के लिए नियमों में बदलाव करेगा DGCA, जानें क्या है पूरा अपडेट
स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसल्टेशन के बाद डीजीसीए ‘वेट-लीजिंग’ के नियमों को सुव्यवस्थित करने पर काम कर रहा है। मौजूदा नियमों के तहत ‘वेट-लीज’ वाले प्लेन पर डीजीसीए का पूरा कंट्रोल नहीं होता है।
देश में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग के बीच डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों के क्रू मेंबर्स के साथ पट्टे पर प्लेन (Wet Leasing) लेने के मामले में डीजीसीए जल्द ही नए और सुविधाजनक नियम जारी करेगा। देश में हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या की वजह से एयरलाइन कंपनियों को नई प्लेन्स की जरूरत पड़ रही है लेकिन सप्लाई चेन की दिक्कतों के कारण उन्हें टाइम पर प्लेन नहीं मिल पा रहे हैं। इसकी वजह से एयरलाइन कंपनियां पट्टे पर प्लेन ले रही हैं। इस मामले से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि देश में एविएशन सेक्टर के डेवलपमेंट में मदद के लिए क्रू मेंबर्स के साथ पट्टे पर प्लेन देने से जुड़े नियमों को सुव्यवस्थित करने की कोशिशें की जा रही हैं।
नए रूटों की संख्या में लगातार हो रहा है इजाफा
अधिकारी ने कहा, "प्लेन के इंजन से जुड़ी समस्याओं को तुरंत दूर नहीं कर सकते हैं और दूसरी तरफ संभावित एयर रूट की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।" स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसल्टेशन के बाद डीजीसीए ‘वेट-लीजिंग’ के नियमों को सुव्यवस्थित करने पर काम कर रहा है। मौजूदा नियमों के तहत ‘वेट-लीज’ वाले प्लेन पर डीजीसीए का पूरा कंट्रोल नहीं होता है। नए या एक्स्ट्रा रूटों के लिए प्लेन की ‘वेट-लीजिंग’ के मामले में भी कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों द्वारा प्लेन की ‘वेट-लीजिंग’ को सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ प्रतिबंधों को हटाया जाएगा। इसके अलावा संबंधित प्लेन की सभी फ्लाइट्स और मेनटेनेंस रिकॉर्ड भी डीजीसीए को सौंपे जाने चाहिए।
इंजन में खराबी की वजह से इंडिगो के कई प्लेन सर्विस से बाहर
प्लेन के इंजन मुहैया कराने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी के इंजनों में गड़बड़ी की वजह से इंडिगो के कई प्लेन इस समय सर्विस नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे हवाई जहाजों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। आमतौर पर किसी प्लेन की ‘वेट-लीजिंग’ के दौरान क्रू मेंबर्स, मेनटेनेंस और इंश्योरेंस के साथ विदेशी प्लेन्स को पट्टे पर दिया जाता है। इसके साथ ही प्लेन विदेशी ऑपरेटर के ऑपरेशन कंट्रोल में भी होता है और विदेशी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की शर्तों के अधीन भी होता है। हवाई जहाज को पट्टे पर लेने का एक अन्य तरीका 'ड्राई लीजिंग' भी है जिसमें सिर्फ विमान ही पट्टे पर लिया जाता है। अभी इंडिगो और स्पाइसजेट ‘वेट-लीज’ वाले प्लेन का संचालन कर रही हैं जबकि एयर इंडिया के फ्लीट में कुछ ‘ड्राई-लीज’ वाले विमान हैं।