पायलटों के लिए अच्छी खबर है। सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने पायलटों को ज्यादा आराम देने के लिए ड्यूटी नियमों में संशोधन कर दिया है, ताकि उन्हें ज्यादा थकान न हो। इससे रात में कॉकपिट में उनके काम करने के घंटे लिमिटेड हो जाएंगे। डीजीसीए ने एयरलाइंस के लिए पायलटों द्वारा दायर थकान रिपोर्ट पर हर तीन महीने पर रिपोर्ट जमा करना भी जरूरी कर दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते सोमवार को कहा कि एक पायलट द्वारा की जाने वाली फ्लाइट्स की संख्या सीमित करना चाहते हैं।
बड़ी संख्या में पायलटों की शिकायतों के बाद एक्शन
डीजीसीए की तरफ से यह कार्रवाई बड़ी संख्या में पायलटों की शिकायतों के बाद आई है कि नियामक के नरम नियमों का इस्तेमाल करके एयरलाइंस द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा है। बीते साल अगस्त में, फ्लाइट ऑपरेट करने से कुछ मिनट पहले नागपुर एयरपोर्ट पर अचानक दिल का दौरा पड़ने से इंडिगो के एक पायलट की मृत्यु हो गई थी। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह बदलाव इंटरनेशनल मानदंड के मुताबिक है। उनका कहना है कि देश भविष्य में सबसे बड़े घरेलू विमानन बाजार का खिताब हासिल करने के लिए तैयार है।
आराम की अवधि में बढ़ोतरी
सिंधिया ने कहा कि पायलट रोस्टर, थकान से संबंधित रिपोर्ट और पायलटों से सीधे फीडबैक के गहन विश्लेषण के बाद, हमने नए नियम पेश किए हैं जिनमें आराम की अवधि में बढ़ोतरी,रात की ड्यूटी को फिर से परिभाषित करना और एयरलाइंस द्वारा साझा की जाने वाली नियमित थकान रिपोर्ट शामिल है। मंत्री ने यह भी कहा कि नियामक जल्द ही एक थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली (एफआरएमएस) लागू करेगा, जो फ्लाइट क्रू मेंबर की थकान की निगरानी बढ़ाने के लिए एक डेटा-संचालित दृष्टिकोण होगा।
नियमों में क्या हुए हैं संशोधन
नए नियमों के मुताबिक, डीजीसीए ने रात में उड़ान भरने वाले पायलट के लिए अधिकतम उड़ान ड्यूटी की अवधि 13 से घटाकर 10 घंटे कर दी है, जो कि रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच है। डीजीसीए ने यह भी कहा है कि एक पायलट उस दौरान अधिकतम दो लैंडिंग कर सकता है। रात की परिभाषा में भी संशोधन किया गया है, जो अब पिछले नियमों के तहत रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक की जगह रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक शामिल है।
Latest Business News