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Hindi News पैसा बिज़नेस स्पाइस जेट के प्रबंधक पर PF मामले में दिल्ली ​पुलिस ने उठाया ये कदम, जानें कंपनी ने क्या कहा?

स्पाइस जेट के प्रबंधक पर PF मामले में दिल्ली ​पुलिस ने उठाया ये कदम, जानें कंपनी ने क्या कहा?

स्पाइसजेट को वित्तीय समस्याओं और कानूनी परेशानियों सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के बेड़े में विमानों की संख्या भी कम हो गई है।

Spicejet- India TV Paisa Image Source : PTI स्पाइस जेट

स्पाइस जेट के प्रबंधक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक और चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह प्राथमिकी कथित तौर पर भविष्य निधि (पीएफ) खाते में कर्मचारियों के हिस्से की 12 प्रतिशत राशि जमा न करने के लिए दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि जमा न की गई राशि 65 करोड़ रुपये है। 

ईपीएफओ की शिकायत पर मुकदमा दर्ज 

ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की शिकायत पर 16 सितंबर को आईपीसी की धारा 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है। 

पहले दायर किया गया था मुकदमा

स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने हालांकि एक बयान में कहा, ''यह मामला कंपनी के योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये फंड जुटाने से पहले दायर किया गया था और एयरलाइन ने तब से सभी लंबित वेतन और जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है।''उन्होंने बताया कि दस महीने का पीएफ बकाया जमा कर दिया गया है और शेष बकाया चुकाने की प्रक्रिया जारी है। कंपनी ने हाल ही में 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एयरलाइन ने 23 सितंबर को पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के आधार पर शेयर जारी कर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की। 

कंपनी के बेड़े में विमानों की संख्या कम हुए

एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि नए कोष जुटाने के पहले सप्ताह के भीतर, कंपनी ने सभी लंबित वेतन और जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और पीएफ के 10 महीने के बकाया जमा करके महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने बयान में कहा कि अन्य बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, एयरलाइन ने विभिन्न विमान पट्टादाताओं के साथ समझौता कर लिया है। स्पाइसजेट को वित्तीय समस्याओं और कानूनी परेशानियों सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के बेड़े में विमानों की संख्या भी कम हो गई है। 

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