नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजन-फ्यूचर विवाद पर सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में जारी सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी। फ्यूचर समूह के रिलायंस के साथ 24,500 करोड़ रुपये के सौदे पर अमेजन की आपत्ति पर मध्यस्थता सुनवाई चल रही थी। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मध्यस्थता सुनवाई को निरस्त करने की मांग वाली फ्यूचर समूह की याचिकाएं खारिज करने के एकल पीठ के आदेश पर भी रोक लगा दी। इस आदेश के खिलाफ फ्यूचर समूह ने खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह मामला फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरए) और फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) के पक्ष में दिखता है और अगर स्थगन आदेश नहीं दिया गया, तो उन्हें नुकसान होगा।’’ इसके साथ ही पीठ ने मध्यस्थता अधिकरण में जारी प्रक्रिया को अगली सुनवाई तक स्थगित करने और एकल पीठ के चार जनवरी के आदेश पर भी रोक लगाने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी।
खंडपीठ ने फ्यूचर समूह की कंपनियों की तरफ से दायर अपील पर अमेजन को नोटिस भी जारी किया। अमेजन ने सिंगापुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में फ्यूचर-रिलायंस सौदे को लेकर अपनी आपत्तियां रखी हैं। इस सुनवाई को निरस्त करने की मांग फ्यूचर समूह ने की थी। अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर आई थी। अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,500 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
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