रिजर्व बैंक ने उन उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है जो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अपने विभिन्न सब्सक्रिप्शन से लेकर बच्चों की स्कीम फीस जैसे दूसरे मासिक भुगतान करते हैं। अब इन ग्राहकों को 15000 रुपये तक के रेकरिंग भुगताओं के लिए हर बार बैंक को ओटीपी नहीं बताना होगा।
बुधवार को हुई एमपीसी की बैठक में के निर्णयों की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यूपीआई भुगताओं के अलावा ई-मैंडेट की प्रक्रिया को भी आसान बनाने की घोषणा की है। इसके तहत मौजूदा लिमिट 5000 को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। इसका असर यह होगा कि वे लोग जिन्होंने सब्सक्रिप्शन ले रखा है, या फिर हर महीने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं वे 15000 रुपये तक के पेमेंट का मेंडेट बैंक को दे सकते हैं।
किन ग्राहकों को होगा फायदा
पिछले साल तक किसी भी रेकरिंग पेमेंट यानि ऐसे भुगतान जो आप हर महीने करते हैं, उसके लिए आटो पे की सुविधा आपको बिना किसी सीमा के मिलती थी। यानि आपके सब्सक्रिप्शन के पैसे हों या स्कूल की फीस, या फिर बीमा की किस्त अथवा मोबाइल बिल, ये सभी भुगतान अपने आप आपके खाते से या क्रेडिट कार्ड से कट जाते थे। लेकिन इस साल से रिजर्व बैंक ने इसके लिए 5000 रुपये की सीमा तय की थी, इससे अधिक के भुगतान के लिए आपको अपने बैंक को ओटीपी बताना होता है। अब यही लिमिट 15000 हो गई है।
रिजर्व बैंक का मिल रही थी शिकायतें
रिजर्व बैंक द्वारा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 5000 रुपये तक के रेकरिंग पेमेंट के लिए ओटीपी अनिवार्य कर दिया था। आरबीआई के इस फैसले के बाद उसे कई हितधारकों से सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम, शिक्षा शुल्क, जैसे बड़े मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए सीमा बढ़ाने का अनुरोध प्राप्त हुआ। जिस पर तवज्जो देते हुए अब बैंक ने इसमें 3 गुना की वृद्धि कर दी है।
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