हाय महंगाई! साबुन, बिस्किट से लेकर कार और TV तक, 2022 में जानिए कहां कटेगी आपकी जेब?
चौतरफा महंगाई आप पर आक्रमण करने को तैयार है। आने वाले समय में सभी उपभोक्ता वस्तुओं पर कम से कम 3-5 प्रतिशत की महंगाई की मार पड़ने वाली है।
Highlights
- 2022 का साल आपके लिए महंगाई की नई सौगातें लेकर आया है
- साबुन, तेल से लेकर बिस्कुट के लिए भी ज्यादा कीमतें चुकानी होगी
- तीन हफ्तों में बिस्कुट, केक, ब्रेड और अंडे 8-15 फीसदी महंगे
अगर आप 2021 में महंगाई को लेकर परेशान रहे हैं तो अपनी कमर मजबूत कर लीजिए। 2022 का साल आपके लिए महंगाई की नई सौगातें लेकर आया है। इस साल आप सिर्फ कार जैसी महंगी और पेट्रोल जैसी जरूरी चीजों की महंगाई से हैरान और परेशान नहीं रहेंगे। बल्कि आपको इस बार साबुन, तेल से लेकर बिस्कुट जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए भी ज्यादा कीमतें चुकानी होगी।
यदि शुरुआती रुझानों पर ध्यान दें, तो चौतरफा महंगाई आप पर आक्रमण करने को तैयार है। आने वाले समय में सभी उपभोक्ता वस्तुओं पर कम से कम 3-5 प्रतिशत की महंगाई की मार पड़ने वाली है। उदाहरण के लिए, दैनिक आवश्यक श्रेणी को लें। पिछले तीन हफ्तों में बिस्कुट, केक, ब्रेड और अंडे जैसे बेसिक पैकेज्ड फूड 8-15 फीसदी महंगे हो गए हैं। ब्रिटानिया, आईटीसी, पारले प्रोडक्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) जैसी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों ने इसके लिए कृषि-वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि, लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग सामग्री की बढ़ती लागत को जिम्मेदार ठहराया।
ब्रिटानिया और पारले बढ़ाएगी कीमतें
बिस्कुट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी ब्रिटानिया ने हाल ही में निवेशकों को बताया कि कंपनी कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है। दूसरी ओर अग्रणी बिस्कुट निर्माता पारले प्रोडक्ट्स, जिसने पिछले साल मार्च में कीमतों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। यह कंपनी 20 रुपये और उससे अधिक की कीमत वाले पैक के लिए एमआरपी में एक बार फिर 5-10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए तैयार है।
कीमतें बढ़ेंगी या पैकेट होगा छोटा
महंगाई का सांप ग्राहकों को दो तरीके से डसने जा रहा है। एक ओर जहां बिस्किट और दूसरे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां जहां एमआरपी की दरें बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर पैकेट के आकार को भी छोटा बनाते हुए कीमतें स्थिर रखने की कोशिश की जा रही है। बाजार के जानकार मानते हैं, कि दूसरा तरीका अपनाकर कंपनियां कीमत नहीं बढ़ती। जिससे ग्राहक के सेंटिमेंट और मांग दोनों पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
साबुन तेल भी महंगे
देश की सबसे बड़ी गैर-तंबाकू एफएमसीजी कंपनी और प्रमुख साबुन और डिटर्जेंट निर्माता एचयूएल अपने लोकप्रिय साबुन और डिटर्जेंट ब्रांडों जैसे लक्स, डव, लाइफबॉय, रिन और सर्फ एक्सेल की कीमतें बढ़ा रही है। कंपनी डव उत्पादों की कीमतों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी कर रही है। लक्स के 10 फीसदी, जबकि सर्फ एक्सेल बार के लिए उपभोक्ताओं को अब 20 फीसदी अधिक खर्च करना होगा।
कारों पर महंगाई का तड़का
एफएमसीजी के नक्शेकदम पर चलते हुए, देश में वाहन निर्माता जनवरी में कीमतों में बढ़ोतरी के एक और दौर के लिए तैयार हैं। हालांकि नए साल में कार की कीमतों में संशोधन असामान्य नहीं है, लेकिन इस साल कीमतों में बढ़ोतरी बहुत ज्यादा है। मारुति सुजुकी पिछले 12 महीनों में कीमतों में तीन बार वृद्धि कर चुकी है। इसके बाद भी वह एक बार फिर कीमतें बढ़ा रही है। इसके साथ ही किआ मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, होंडा, टाटा मोटर्स, वोक्सवैगन और टोयोटा, मर्सिडीज बेंज, ऑडी और वोल्वो जैसी लक्जरी कार निर्माता अपने मॉडलों की कीमतों में 1-3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के लिए तैयार हैं। कार प्रेमियों को एंट्री और मिड-सेगमेंट यात्री वाहनों के लिए कम से कम 8,000 रुपये से 60,000 रुपये अधिक खर्च करने होंगे।
बाइक स्कूटर भी महंगे
हीरो मोटोकॉर्प पहले ही अपने एंट्री-लेवल मॉडल्स में 2,000 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा कर चुकी है। जबकि रॉयल एनफील्ड बाइक बनाने वाली कंपनी आयशर मोटर्स अपने लोकप्रिय मॉडलों की कीमतों में 3,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की बढ़ोतरी कर रही है।
घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स
महामारी ने जब 2020 की शुरुआत में दस्तक दी थी, तब सप्लाई में व्यवधान, कच्चे माल की कमी और ढुलाई की बढ़ती लागत ने उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ वस्तुओं की कीमतों में आग लगा दी थी। दो साल बाद भी, खरीदार नुकसान में हैं क्योंकि निर्माताओं ने रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव और टेलीविजन सेट जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जारी रखी है। एलजी, पैनासोनिक, जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची और सुपर प्लास्ट्रोनिक्स जैसे लोकप्रिय ब्रांडों ने पहले ही कीमतों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है।