Cyber Attack: टाटा पावर ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उसके आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर हमला हुआ है। हालांकि, बिजली कंपनी (टाटा पावर) ने कहा कि उसकी सभी महत्वपूर्ण परिचालन प्रणालियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं। टाटा पावर ने बीएसई फाइलिंग में कहा, कंपनी ने सिस्टम को बहाल करने के लिए कदम उठाए हैं।
जरूरी कदम उठा रही है कंपनी
हालांकि प्रचुर सावधानी के उपाय के रूप में कर्मचारी और ग्राहक के सामने आने वाले पोर्टलों और स्पर्श बिंदुओं के लिए प्रतिबंधित पहुंच और निवारक जांच की गई है और बाकी के जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
टाटा पावर ने दी जानकारी
टाटा पावर ने कहा, कंपनी आगे चलकर इस मामले को अपडेट करेगी। साइबर हमले से उसके कुछ आईटी सिस्टम प्रभावित हुए हैं। पिछले महीने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा था कि विद्युत संशोधन विधेयक के तहत नियमित निरीक्षण और समय पर कार्रवाई के प्रावधान के साथ भारत का बिजली नेटवर्क जल्द ही भविष्य के लिए अधिक तैयार और साइबर हमलों से अछूता रहेगा।
इस साल की शुरूआत में सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पावर ग्रिड पर साइबर हमले हुए थे। उन्होंने कहा, ये दिसंबर, जनवरी और फरवरी में हुए हमले सफल नहीं हुए। लेकिन हम जागरूक हैं।
ग्रुप की 6 कंपनियों को Tata Steel में किया जाएगा मर्ज
हाल ही में Tata Group ने बड़ा फैसला लिया है। ग्रुप ने देश की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील की छह सहायक कंपनियों का उसके साथ विलय करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। बयान में बताया गया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव को कंपनी के बोर्ड ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। टाटा स्टील द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘टाटा स्टील के निदेशक मंडल ने छह सहायक कंपनियों के टाटा स्टील में प्रस्तावित विलय की योजनाओं पर विचार किया और उन्हें मंजूरी दे दी।’’
इन छह कंपनियों का होगा विलय
ये सहायक कंपनियां हैं ‘टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड’, ‘द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड’, ‘टाटा मेटालिक्स लिमिटेड’, ‘द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ ‘टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड’ और ‘एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड’ । ‘टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ में टाटा स्टील की 74.91 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा उसकी ‘द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड’ में 74.96 प्रतिशत, ‘टाटा मेटालिक्स लिमिटेड’ में 60.03 प्रतिशत और ‘द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ में 95.01 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि ‘टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड’ और ‘एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड’ दोनों उसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां है। बोर्ड ने टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी ‘टीआरएफ लिमिटेड’ (34.11 प्रतिशत हिस्सेदारी) की भी टाटा स्टील लिमिटेड में विलय को मंजूरी दी।
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