नई दिल्ली। क्रिप्टो निवेशक पर सख्ती बढ़ने वाली है। दरअसल, सरकार 1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर लगाना शुरू कर रही है। इसके लिए सरकार के राजस्व विभाग ने निवेशकों की कमाई की जानकारी जुटाने के लिए बैंकों और क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों से लेनदेन की जानकारी देने को कहा है। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की यह पूरी कवायद टैक्स चोरी रोकने के लिए है। इस बदलाव के बाद क्रिप्टो निवेशक कोई भी जानकारी छुपा नहीं पाएंगे और उनको अपनी कमाई पर 30 फीसदी की दर से कर चुकाना होगा क्योंकि बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंज पूरी जानकारी दे देंगे।
अब तक स्वेच्छापूर्ण खुलासे पर भरोसा
सरकार अब तक डिजिटल संपत्तियों के लेनदेन में स्वैच्छिक खुलासे पर भरोसा कर रही थी लेकिन नई कराधान व्यवस्था लागू होने के बाद अब इसमें बदलाव करने जा रही है। नई व्यवस्था में डिजिटल संपत्तियों में किए गए निवेश के बारे में सालाना विवरण देना होगा। लेनदेन का विवरण उपलब्ध होने के बाद इस तरह के लेनदेन से टैक्स चोरी की संभावना बहुत ही कम होगी।
कर चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी
आयकर विभाग टैक्स बेस बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। वह टैक्स चोरी रोकने के लिए करदाता के आय के बारे में जानकारी कई स्रोत्रों से जुटाता है जैसे वेतन, लाभांश, ब्याज, आवर्ती जमा पर ब्याज, शेयरों, बॉन्ड और म्युचुअल फंडों की खरीद और बिक्री से होने वाली आय आदि। अब वह क्रिप्टो में निवेश की जानकारी भी जुटाएगा। गौरतलब है कि बीते तीन साल में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में आयकर विभाग को लग रहा है कि उसके इस पहल से टैक्स बेस बढ़ाने में ममद मिलेगी। साथ ही टैक्स चोरी पर लगाम लगाना भी आसान होगा।
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