नयी दिल्ली। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आग लगी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी हैं। देश में पेट्रोल डीजल के दाम 4 नवंबर से नहीं बदले हैं। ऐसे में 5 राज्यों में चुनाव के नतीजों के बाद आम जनता पर तेल की कीमतों का भारी बोझ पड़ना तय है। लेकिन इस बीच सरकार की ओर से आम जनता के लिए राहत भरा पैगाम आया है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच देश में कच्चे तेल की कमी नहीं होने देने का भरोसा दिलाते हुए मंगलवार को कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां ही ईंधन कीमतों पर कोई निर्णय करेंगी। इसके साथ ही पुरी ने कहा कि सरकार तेल कीमतों के बारे में कोई भी फैसला नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर करेगी।
पुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं आप सबको आश्वस्त करता हूं कि देश में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं होगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी ऊर्जा जरूरतें पूरी हो सकें। हालांकि, हमारी जरूरतों का 85 प्रतिशत तेल और 55 प्रतिशत गैस हम आयात करते हैं।’’ उन्होंने इस आरोप को भी नकार दिया कि ईंधन कीमतों में कमी सरकार ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की थी और चुनाव खत्म होते ही फिर से इनके दाम बढ़ा दिए जाएंगे।
इन राज्यों में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है और 10 मार्च को परिणाम आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को तेल कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में कोई भी राय बनाने के पहले इस पर भी ध्यान देना चाहिए कि रूस-यूक्रेन संकट जैसे वैश्विक कारणों से दाम बढ़ते हैं। उन्होंने कहा, “तेल कीमतों का निर्धारण वैश्विक कीमतों पर निर्भर करता है। दुनिया के एक हिस्से में जंग के हालात हैं तो पेट्रोलियम कंपनियां इसे ध्यान में रखेंगी।
पेट्रोलियम कंपनियां खुद ही कीमतों के बारे में कोई निर्णय करेंगी। हम नागरिकों के हित में ही फैसला करेंगे।” उन्होंने कहा कि महामारी के प्रसार के समय आर्थिक गतिविधियां ठप होने से तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा था लेकिन अब हालात बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कोई निर्णय करेंगी।
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