2031 तक अपर मिडिल-इनकम कंट्री बन जाएगा भारत, दुनिया में तीसरे स्थान पर होगी हमारी इकॉनमी
गले सात वित्तीय वर्षों (2025-2031) में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी।
Indian Economy News : क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार को अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। साथ ही एजेंसी ने कहा कि देश 2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के साथ एक अपर मिडिल- इनकम वाला देश बन जाएगा। अपनी "इंडिया आउटलुक" रिपोर्ट में क्रिसिल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू संरचनात्मक रिफॉर्म्स और साइक्लिकल लीवर्स से सपोर्ट लेगी। साथ ही 2031 तक तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनने की उम्मीद है।
बनेगी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी
क्रिसिल इंडिया आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया, 'इस वित्त वर्ष में अनुमान से बेहतर 7.6 प्रतिशत ग्रोथ रेट के बाद भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 में घटकर 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।' इसने कहा कि अगले सात वित्तीय वर्षों (2025-2031) में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। क्रिसिल ने कहा, "इस अवधि में अनुमानित औसत विस्तार 6.7 प्रतिशत भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना देगा और 2031 तक प्रति व्यक्ति आय को उच्च-मध्यम आय वर्ग तक ले जाएगा।"
अभी दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनोमी है भारत
3.6 ट्रिलियन डॉलर के जीडीपी आकार के साथ भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्रिसिल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2031 तक अर्थव्यवस्था बढ़कर 6.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगी।
कितनी हो जाएगी प्रति व्यक्ति आय
क्रिसिल ने कहा कि वित्त वर्ष 2031 वह वर्ष होगा, जब भारत ऊपरी-मध्यम आय वाले देशों के क्लब में प्रवेश करेगा, जिसमें प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,500 डॉलर (3,73,500 रुपये) हो जाएगी। विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार, निम्न-मध्यम आय वाले देश वे होते हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय 1,000-4,000 अमेरिकी डॉलर होती है। वहीं, उच्च-मध्यम आय वाले देश वे होते हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय 4,000-12,000 अमेरिकी डॉलर के बीच होती है। क्रिसिल के एमडी और सीईओ अमीश मेहता ने कहा, "वित्त वर्ष 2031 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक उच्च-मध्यम आय वाला देश होगा, जो घरेलू खपत के लिए एक बड़ा सकारात्मक होगा।"
(पीटीआई से इनपुट के साथ)