Costly Loan: त्योहारों में महंगाई की तगड़ी मार, देश के दो बड़े सरकारी बैंकों ने महंगा किया Home और Car लोन
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एक-वर्षीय एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.80 प्रतिशत कर दिया है।
Costly Loan: पिछले महीने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोत्तरी के बाद अब इसके असर दिखने शुरू हो गए हैं। इसी सप्ताह देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी ने ब्याज दरों में वृद्धि की थी। इसके बाद अब दो बड़े सरकारी बैंकों ने भी ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला कर लिया है। ये हैं बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), दोनों ही बैंकों ने लोन के लिए अपनी एमसीएलआर दरों में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने की ये घोषणा
आईओबी ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि तमाम राशि खंडों में अपनी एमसीएलआर दरों में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। शनिवार से नई दर के लागू होने से उपभोक्ताओं के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी होने से सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे। इनमें कार, व्यक्तिगत एवं आवासीय ऋण शामिल हैं। 1-वर्षीय एमसीएलआर अब 7.65 प्रतिशत जबकि दो साल एवं तीन साल का एमसीएलआर 7.80 प्रतिशत हो गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का कर्ज भी महंगा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एक-वर्षीय एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.80 प्रतिशत कर दिया है। छह महीने की एमसीएलआर अब 7.65 प्रतिशत जबकि तीन साल की एमसीएलआर 7.50 प्रतिशत हो गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि नई ऋण दरें 12 सितंबर से प्रभावी होंगी।
HDFC ने 5वीं बार की ब्याजदरों में बढ़ोत्तरी
देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC बैंक ने होम और कार लोन की दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी है। मई के बाद यह 5वां मौका है जब RBI की रेपो रेट की बढ़ोत्तरी के साथ HDFC बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं। बैंक के अनुसार लोन पर मार्जिनल कॉस्ट फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी की है। बैंक ने MCLRमें 0.10 प्रतिशत तक का इजाफा किया है। लोन की नई ब्याज दरें 7 सितंबर 2022 से प्रभावी हो गई हैं। अगस्त में भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने पॉलिसी रेट में इजाफा किया था। इसी के बाद से तमाम बैंकों ने अपने MCLRको बढ़ाया है।
रिजर्व बैंक ने 50 बेसिस पॉइंट बढ़ाई थी रेपो रेट
दो महीने में होने वाली बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को बढ़ाया था। इसमें 50 बेसिस पॉइंट यानी आधा फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद से तमाम बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ाई हैं। यह लगातार दूसरा मौका था जब आरबीआई ने पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी की थी।