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Hindi News पैसा बिज़नेस उपभोक्ता बिजली कंपनियों से लें पाएंगे जुर्माना, ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दी ये अहम जानकारी

उपभोक्ता बिजली कंपनियों से लें पाएंगे जुर्माना, ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दी ये अहम जानकारी

बिजली कटौती लोगों का अपमान है।’’ उन्होंने वितरण कंपनियों को क्षमता बढ़ाने, बिजली खरीद समझौते (पपीपीए) पर हस्ताक्षर करने, पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने और अधिक कुशल बनने के लिए कहा। सिंह ने कहा, ‘‘हमने कहा है कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली पाने का अधिकार है।

ऊर्जा मंत्री आर के सिंह - India TV Paisa Image Source : FILE ऊर्जा मंत्री आर के सिंह

केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनावश्यक रूप से बिजली कटौती के लिये कंपनियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती देश के लोगों का अपमान है। सिंह ने समीक्षा बैठक में बिजली कटौती को अतीत की बात बनाने की बात कही। केंद्र और राज्यों के शीर्ष बिजली और ऊर्जा अधिकारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों के प्रमुखों की दो दिवसीय समीक्षा, योजना और निगरानी (आरपीएम) बैठक यहां बृहस्पतिवार को शुरू हुई। बैठक में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हुए। सिंह ने कहा, ‘‘मैं ऐसे भविष्य को स्वीकार नहीं करता जहां भारत एक विकासशील देश बना रहे। इस भविष्य और एक विकसित देश के भविष्य के बीच अंतर बहुत सरल है। एक विकसित देश में कोई बिजली कटौती नहीं है। हर वितरण कंपनियों के पास बिजली खरीदने के लिए पैसा है, लोगों की अधिकारों का सम्मान किया जाता है और बिजली में व्यवधान 20-25 साल में एक बार होता है। इसलिए, बिजली कटौती पर जुर्माना लगाया जाएगा।

बिजली कटौती लोगों का अपमान 

 बिजली कटौती लोगों का अपमान है।’’ उन्होंने वितरण कंपनियों को क्षमता बढ़ाने, बिजली खरीद समझौते (पपीपीए) पर हस्ताक्षर करने, पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने और अधिक कुशल बनने के लिए कहा। सिंह ने कहा, ‘‘हमने कहा है कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली पाने का अधिकार है और अगर कोई अनावश्यक कटौती होती है तो जुर्माना लगाया जाना चाहिए और मुआवजा दिया जाना चाहिए।’’ मंत्री ने आगाह किया, ‘‘अगर वितरण कंपनियां व्यावहारिक नहीं हैं, निवेश नहीं आएगा, क्षमताएं स्थापित नहीं होंगी। हमारे पास वृद्धि के लिए ऊर्जा नहीं होगी और फिर भारत कभी भी विकसित देश नहीं बन पाएगा।’’ 

राज्य अपनी व्यवस्था ठीक करें

उन्होंने यह भी कहा कि बिल के स्तर पर दक्षता बढ़ी है लेकिन बिल संग्रह के मामले में यह 92.7 प्रतिशत अटका हुआ है। सिंह ने राज्यों से कहा कि वे बिजली क्षेत्र की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए कानून और विभिन्न नियमों का पालन करें। अन्यथा उन्हें केंद्र से कोई बिजली नहीं मिलेगी। उन्हें पीएफसी या आरईसी से कोई कर्ज मिलना भी मुश्किल होगा। दो दिवसीय समीक्षा बैठक में ‘रूफटॉप सोलर’, हरित हाइड्रोजन, हरित उपकरण, पीएम कुसुम, उपभोक्ता अधिकार नियम, 2029-30 तक की बनायी गयी परियोजनाओं के लिए चरण-वार समीक्षा, वितरण कंपनियों की व्यवहार्यता, राज्य से संबंधित मामलों आदि पर चर्चा की जाएगी।

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