पुरानी और नई टैक्स रिजीम चुनने में हो रहे कन्फ्यूजन, ये 5 टिप्स करेंगे आपकी मदद
इनकम टैक्स जमा करने के लिए आपको पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुनना होता है।
नया वित्त वर्ष 2024-25 एक अप्रैल से शुरू हो चुका है। ऐसे में लोगों को नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम दोनों में से किसी एक को चुनना है। अगर आप कोई टैक्स रिजीम नहीं चुनते हैं तो अपने आप ही नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट रूप से सिलेक्ट हो जाएगी।
ऐसे में बहुत सारे लोगों को मन में सवाल उठ रहा है कि पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है। आज हम इस आर्टिकल में उन प्वइंट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी टैक्स रिजीम चुनने में मदद कर सकता है।
नई टैक्स रिजीम VS पुरानी टैक्स रिजीम
- नई और पुरानी टैक्स रिजीम में एक सबसे बड़ा अंतर यह है कि पुरानी टैक्स रिजीम के तहत आपको 80C, 80D, 80TTA के तहत कई प्रकार की इनकम टैक्स छूट मिलती है। वहीं, नई टैक्स रिजीम में ऐसी कोई छूट नहीं मिलती है। अगर आप टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर रहेगी।
- नई टैक्स रिजीम में छूट के रूप में केवल 50,000 रुपये की मानक कटौती का फायदा मिलता है। हालांकि, ये फायदा नौकरीपेशा लोगों को पुरानी टैक्स रिजीम में भी दिया जाता है।
- नई टैक्स रिजीम के तहत 7.5 लाख रुपये की आय टैक्स छूट के दायरे में आती है। इसमें 6 से 9 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख तक की आय पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की छूट मिलती है।
- पुरानी टैक्स रिजीम में 5 लाख तक की आय टैक्स फ्री है। वहीं 5 से 10 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
- अगर आप इनकम टैक्स भरते समय किसी टैक्स रिजीम का चयन नहीं करते हैं तो अपने आप नई टैक्स रिजीम सिलेक्ट हो जाएगी और आपको इसके मुताबिक ही टैक्स जमा करना होगा।