त्योहारी सीजन में घर जाने के लिए रेलवे की कन्फर्म टिकट मिलना काफी मुश्किल होता है। रेलवे की ओर से इस समस्या का समाधान करने के लिए वैकल्पिक ट्रेन आवासीय योजना (Alternate Train Accommodation Scheme (ATAS)) को शुरू किया गया है। इस स्कीम को विकल्प के नाम से भी जाना जाता है। इस तहत रेलवे यात्रियों को कन्फर्म टिकट देने की कोशिश करता है।
आईआरसीटीसी के टिकट की बुकिंग करते समय आप विकल्प के ऑप्शन को चुन सकते हैं। विकल्प चुनने का मतलब यह नहीं है कि आपको पक्का कन्फर्म टिकट मिल जाएगा। इसके जरिए उस रूट (जिस पर यात्रा करना चाहते हैं) की किसी दूसरी ट्रेन में कन्फर्म टिकट देने की कोशिश की जाती है। यह पूरी तरीके से किसी रूट पर चलने वाली ट्रेनों की खाली सीटों पर निर्भर करता है।
कैसे काम करता है विकल्प?
आईआरसीटीसी के जरिए जब भी आप टिकट बुक करते हैं तो उस समय आपको विकल्प का ऑप्शन चुनना होता है। जब आपकी ट्रेन का अंतिमा चार्ट तैयार हो जाता है और आपका टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो विकल्प का काम शुरू होता है। विकल्प के माध्मय से आपको एसएमएस भेजा जाता है और टिकट न कन्फर्म होने की बात कही जाती है साथ ही इस एसएमएस एक नंबर दिया होता है। इस पर कॉल करके आपको उस रूट पर चलाने वाली अन्य ट्रेनों में मौजूद खाली सीटों के बारे में जानकारी दी जाती है। फिर आपकी सहमति ली जाती है और दूसरी ट्रेन में कन्फर्म टिकट दे दिया जाता है।
विकल्प के फीचर्स
- विकल्प के माध्यम से आपको मूल ट्रेल के प्रस्थान के 30 मिनट से लेकर 72 घंटे के बीच जाने वाली ट्रेनों के ऑप्शन दिए जाते हैं।
- इसके लिए रेलवे कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लेता है। अतिरिक्त किराया रिफंड कर दिया जाता है।
- विकल्प में अधिकतम 7 ट्रेनों को चुना जा सकता है।
- विकल्प वेटिंग लिस्ट में टिकट बुक कराने वाले यात्रियों के लिए हैं।
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