Coffee Day बच नहीं पाई! NCLT से दिवाला कार्यवाही की मिली मंजूरी, अब क्या करें शेयरधारक?
सीडीईएल एक रिसॉर्ट का स्वामित्व और संचालन करती है और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ कॉफी बीन्स के कारोबार में है। सीडीईएल ने प्रतिदेय गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के कूपन भुगतान में चूक की थी।
लाख कोशिशों के बावजूद Coffee Day को बचाने की कवायद कामयाब नहीं हो पाई। आखिर में NCLT को दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि कॉरपोरेट विवाद न्यायाधिकरण एनसीएलटी ने कॉफी डे समूह की मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। कॉफी डे समूह कॉफी हाउस की कैफे कॉफी डे श्रृंखला का परिचालन करती है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने 8 अगस्त को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (आईडीबीआई टीएसएल) द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में 228.45 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया गया था और कर्ज में डूबी कंपनी के परिचालन की देखभाल के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर की नियुक्ति की थी। अब बड़ा सवाल है कि इस कंपनी के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों का क्या होगा? शेयर शुक्रवार को लोअर सर्किट लगकर 47 रुपये के भाव पर बंद हुआ। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा।
कर्ज चुकाने में चूक गई कंपनी
सीडीईएल एक रिसॉर्ट का स्वामित्व और संचालन करती है और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ कॉफी बीन्स के कारोबार में है। सीडीईएल ने प्रतिदेय गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के कूपन भुगतान में चूक की थी। वित्तीय ऋणदाता ने निजी नियोजन के माध्यम से 1,000 एनसीडी की सदस्यता ली थी और मार्च, 2019 में सदस्यता के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके लिए सीडीईएल ने आईडीबीआई टीएसएल के साथ एक समझौता किया और डिबेंचर धारकों के लिए डिबेंचर न्यासी के रूप में नियुक्ति करने पर सहमति व्यक्त की। हालांकि, सीडीईएल ने सितंबर, 2019 और जून, 2020 के बीच विभिन्न तारीखों पर देय कुल कूपन भुगतान का भुगतान करने में चूक की। परिणामस्वरूप, डिबेंचर ट्रस्टी ने सभी डिबेंचर धारकों की ओर से 28 जुलाई, 2020 को सीडीईएल को चूक का नोटिस जारी किया और एनसीएलटी का रुख किया।
मालिक ने नदी में कूद कर दे दी थी जान
आपको बता दें कि कैफे कॉफी डे, जिसे बहुत सारे लोग CCD के नाम से ही बुलाते हैं। इस कंपनी की स्थापना 1996 में वीजी सिद्धार्थ ने की थी। स्टॉक एक्सचेंज में नौकरी करने वाले वीजी सिद्धार्थ ने सबसे पहले कॉफी का बागान खरीदा था। शेयर बाजार में मोटी कमाई के बाद उन्होंने कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की थी। 11 जुलाई 1996 को सबसे पहले बेंगलुरु में Cafe Coffee Day का पहला आउटलेट्स शुरू किया। कंपनी चल निकली लेकिन साल 2017 आते-आते हालात खराब हो गई। आयकर विभाग से 700 करोड़ की टैक्स चोरी का नोटिस मिला। एक तरफ भारी कर्ज और दूसरी ओर आयकर विभाग का दवाब कंपनी के मालिक वीजी सिद्धार्थ दवाब झेल नहीं पाए। कर्ज के तनाव के कारण उन्होंने 2019 में नेत्रावदी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।