नई दिल्ली। सरकार ने वैश्विक स्तर पर ईंधन के दाम में आई तेजी के बीच घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिए बढ़ाकर दोगुना से अधिक कर दी है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नियमित क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत मौजूदा के 2.90 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) से बढ़ाकर 6.10 डॉलर कर दी गयी है। गहरे जल क्षेत्र जैसे कठिन इलाकों में स्थित फील्डों के लिये कीमत बढ़ाकर 9.92 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गयी गयी जो अबतक 6.13 डॉलर प्रति यूनिट थी। घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत में संशोधन अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में जारी सालाना औसत कीमतों के आधार पर होता है। लेकिन इसमें तिमाही का अंतर होता है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक की कीमतें जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 के औसत मूल्य के आधार पर होती है।
सीएनजी-पीएनजी के दाम में बढ़ोतरी संभव
विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाने का असर घरेलू बाजार में सीएनजी-पीएनजी के दाम पर देखने को मिल सकता है। आने वाले समय में सीएनजी और पीएनजी (घरेलू) की कीमतें क्रमश: 4.5-5 रुपये/किग्रा और 2.5-3 रुपये/घन मीटर बढ़ सकती है। महंगाई के बीच यह आम आदमी का बजट और बिगाड़ने का काम करेगा।
हाल ही में CNG-PNG के दाम बढ़े थे
हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में पीएनजी और सीएनजी की कीमत में बढ़ोतरी की गई थी। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से पीएनजी की कीमतों में 1 रुपये की बढ़ोतरी की थी। वहीं इससे एक दिन पहले ही वैश्विक गैस और तेल की कीमतों के अनुरूप ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपये प्रति बढ़ा दी थी।
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