भारत में चीनी कंपनियों द्वारा दिए जा रहे झटपट कर्ज के गोरखधंधे पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। आर्थिक अपराध पर निगाह रखने वाली सरकारी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये कर्ज बांटने वाली फर्मों के खिलाफ जारी जांच के बीच विभिन्न पेमेंट प्लेटफॉर्म एवं बैंक खातों में रखे करीब 106 करोड़ रुपये की राशि को जब्त कर लिया है। जांच एजेंसी ने एक बयान में यह जानकारी दी।
चीनी नागरिकों के नियंत्रण वाले इन मोबाइल एप्लिकेशन पर ऑनलाइन कर्ज देकर लोगों को परेशान करने के आरोपों के सिलसिले में धनशोधन मामले की जांच ईडी कर रहा है। इस जांच के दौरान ईडी ने विभिन्न वाणिज्यिक खातों एवं बैंक खातों में मौजूद करीब 106 करोड़ रुपये की राशि धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत जब्त की है। यह राशि रेजरपे, कैशफ्री, पेटीएम, पेयू एवं ईजबज जैसे भुगतान मंचों के साथ खोले गए वाणिज्यिक खातों और कई बैंकों में मौजूद खातों में रखी गई थी।
जांच एजेंसी ने कहा कि इन फर्मों का गठन चीनी नागरिकों की तरफ से ‘फर्जी’ निदेशक नियुक्त कर किया गया था। ये फर्म अपने कर्मचारियों के केवाई दस्तावेज का इस्तेमाल कर उन्हें निदेशक के रूप में नियुक्त कर देती थीं। उनकी पूर्व-सहमति के बगैर उनके नाम पर बैंक खाते भी खोले गए। ऑनलाइन मंचों के जरिये मोबाइल एप्लिकेशन से छोटी राशि के कर्ज फौरन दे दिए जाते थे। उनकी वसूली के दौरान लोगों को परेशान करने की कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं।
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